हौसले के पंखों से उड़ान भर रहीं ये बेटियां
हौसले बुलंद हों तो साधनों का अभाव भी मंजिल तक पहुंचने में बाधा नहीं बन सकता। इस बात को सिद्ध कर रही हैं आरजी इंटर कॉलेज की 19 छात्राएं। कॉलेज में खेलों का सामान और प्रैक्टिस के लिए मैदान नहीं है। बावजूद इसके हौसले के दम पर ये बेटियां क्रिकेट, हॉकी, बास्केटबॉल और बैडमिंटन जैसे खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमका रही हैं।
मेरठ । हौसले बुलंद हों तो साधनों का अभाव भी मंजिल तक पहुंचने में बाधा नहीं बन सकता। इस बात को सिद्ध कर रही हैं आरजी इंटर कॉलेज की 19 छात्राएं। कॉलेज में खेलों का सामान और प्रैक्टिस के लिए मैदान नहीं है। बावजूद इसके हौसले के दम पर ये बेटियां क्रिकेट, हॉकी, बास्केटबॉल और बैडमिंटन जैसे खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमका रही हैं।
बेटियों के हौसले की दास्तान कुछ ऐसी है कि पढ़ाई के साथ-साथ समय निकालकर ये चौधरी चरण सिंह विवि, एनएएस डिग्री कॉलेज के मैदान और कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए निकल पड़ती हैं।
इन बेटियों ने बनाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
खेल छात्रा का नाम
बॉक्सिंग - नुसरत फातिमा 12वीं कक्षा (स्वर्ण) खेलो इंडिया खेलो में चयन
फुटबॉल - वंशिका 11वीं कक्षा, तनिशा 11वीं कक्षा, पलक 10वीं कक्षा और नीतू आठवीं कक्षा
बैडमिंटन - खुशी यादव नौवीं कक्षा (महाराष्ट्र में आयोजित चैंपियनशिप में ले रही हैं भाग)
क्रिकेट टीम में - नेहा नौवीं कक्षा
बास्केटबॉल - मत्रिका 10वीं कक्षा, गरिमा 12वीं कक्षा, वर्षा 11 कक्षा, अंजलि 10वीं कक्षा, कशिश आठवीं कक्षा और प्राची 11वीं कक्षा में है। मत्रिका, वर्षा और अंजलि दिल्ली में चल रही प्रतियोगिता में भाग लेने गई हैं।
ओपन हॉकी जूनियर - मानसी नौवीं कक्षा और अंजलि आठवीं कक्षा
ओपन हॉकी सीनियर - काजल 11वीं कक्षा, ¨रकी, संजू साही और तनु इन्होंने कहा--
साधनों के अभाव में छात्राओं ने न सिर्फ स्कूल, बल्कि शहर का नाम भी रोशन किया है। उन्हें पर्याप्त साधन मुहैया करवाए जाएं तो वह खेलों में अपनी अलग पहचान बना सकती हैं। कई बार खेल के मैदान की बात सामने आई। जल्द ही छात्राओं के लिए अन्य किसी स्थान पर खेल का मैदान और अन्य साधन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
-गिरजेश कुमार चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक
खेल के मैदान का अभाव बेटियों की राह में बाधा बन रहा है, जिसके चलते उन्हें अलग-अलग मैदानों पर जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती है। इससे उनका समय खराब होता है और काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। छात्राओं का अपना खेल का मैदान होगा तो वह इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।
-डा. रजनी रानी शंखधार, प्रधानाचार्य आरजी इंटर कॉलेज