अपने अंदर एक आग जलनी चाहिए
ोरोना के चलते पहली बार खिलाड़ियों को ग्राउंड छोड़कर अपने घरों में कैद होना पड़ा है। विषम परिस्थिति है। फिर भी हमें जीतकर आगे बढ़ना है। हम अपनी आंतरिक शक्ति को और मजबूत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। एक उम्मीद के साथ अपने अंदर एक आग जलती रहनी चाहिए। पदमश्री और वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेडलिस्ट लांग जंप खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने यह बात कही।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना के चलते पहली बार खिलाड़ियों को ग्राउंड छोड़कर अपने घरों में कैद होना पड़ा है। विषम परिस्थिति है। फिर भी हमें जीतकर आगे बढ़ना है। हम अपनी आंतरिक शक्ति को और मजबूत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। एक उम्मीद के साथ अपने अंदर एक आग जलती रहनी चाहिए। पदमश्री और वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेडलिस्ट लांग जंप खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने यह बात कही। जो रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से युवा एथलीटों को इस तनाव भरे वातावरण से दूर करने के लिए प्रेरित कर रही थीं।
कान्फ्रेंस का आयोजन उत्तर प्रदेश एथलेटिक एसोसिएशन ने किया। विषय प्रेरणा ठहरो मत-खेलो था। इसमें प्रदेश भर के एथलीट शामिल हुए। अंजू बॉबी जॉर्ज ने अपनी सफलता और संघर्ष की कहानी को साझा किया। बताया कि किस तरह से एक एक्सीडेंट के बाद सपने चकनाचूर होने लगे थे। सब सोचते थे कि मैं अब कुछ नहीं कर सकती। उस चोट को ठीक करने के लिए छह महीने तक घर में रहना पड़ा। इस समय को खुद को मजबूत करने में लगाया। बार-बार खुद को मोटिवेट करती रही कि मुझे कुछ करके दिखाना है। उन्होंने युवाओं को शार्टकट छोड़ कर कठिन परिश्रम करने के लिए कहा।
नेशनल डोपिग एजेंसी की एक पैनल की वाइस चेयरपर्सन चारू प्रज्ञा ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी खेल में नाम कमाने के लिए आता है। एक बार डोपिग में नाम आने से वह सब कुछ डूब जाता है। डोपिग जहां शरीर को नुकसान करता है। वहीं खेल के भविष्य पर भी खतरा है। कहा कि वह किसी भी टूर्नामेंट के दौरान अपने मुंह में ऐसा कुछ भी ना डालें। जिसके विषय में नहीं जानते हैं।
अर्जुन अवार्डी सुधा सिंह ने कहा के खिलाड़ी को बहुत से लोगों की बात सुननी पड़ती है, लेकिन उन्हें नकारात्मक बातों से विचलित होने की जरूरत नहीं है। वह अपनी नजर लक्ष्य पर रखें और उसे पाने के लिए जी जान लगा दें। इस समय खिलाड़ी जहां भी हैं जो भी सीमित साधन है। उससे अपनी प्रैक्टिस करें। अर्जुन अवार्डी नीरज चोपड़ा ने युवा एथलीटों के पूछे गए सवालों का जवाब देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। ललित कुमार भनोत, जी राजारमन, एसोसिएशन के सचिव पीके श्रीवास्तव और खेल से जुड़े हुए लोगों ने भी संबोधित किया। एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
अंश की चेतना लाने की कोशिश
रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग में स्क्रीन पर मैक्स अस्पताल दिल्ली में बेड पर लेटे एथलीट अंश दिखे। जो इटावा के रहने वाले हैं। उन्हें देख अन्य प्रतिभागी वक्ता आश्चर्य में थे। एक्सीडेंट की वजह से डेढ़ साल पहले अंश की चेतना चली गई थी। अंश एक बेहतर एथलीट थे। महीनों से बेड पर लेटे अंश में चेतना लाने के लिए अन्य एथलीटों की प्रेरक बात उन तक पहुंचाने के लिए उनके परिजनों ने कोशिश की।