Coronavirus Positive के अंतिम संस्कार से संक्रमण का खतरा नहीं, बरतनी होगी ये सावधानी Meerut News
प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आदेश किया है कि सावधानी से परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार होगा। सूरजकुंड में पंडित ने दो कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार कराने से इन्कार किया।
मेरठ, जेएनएन। पिछले सप्ताह कोरोना संक्रमित दो लोगों की मौत पर सूरजकुंड श्मशान में फजीहत हुई। पंडित ने भी दाह संस्कार कराने से इन्कार कर दिया था। पुलिस को बुलाकर पंडित को तैयार कराया गया। दोनों शवों को चार कंधे तक नसीब नहीं हो पाए।
दरअसल, लोग कोरोना से भयभीत हैं। कोरोना से सावधानी रखनी भी चाहिए, पर डरने का समय भी नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद की तरफ से सभी जनपदों को दिए आदेश में कहा है कि कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार से संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। संक्रमितों के शव का अंतिम संस्कार भी पहले की तरह किया जा सकता है, लेकिन इसमें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। शासन ने इसके लिए नियमावली जारी कर सभी डीएम, एसएसपी और सीएमओ को इसे लागू करवाने के निर्देश दिए।
कई जगह श्मशान घाट और कब्रिस्तान के आसपास रहने वाले लोग कोरोना संक्रमितों के शव से वायरस फैलने को लेकरआशंकित हैं। श्मशान में दाह संस्कार कराने वाले पंडित भी डर रहे है। कई बार शव दफनाने को लेकर भी लोग विरोध करने लगते हैं।
प्रमुख सचिव के आदेशों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण प्रमुख रूप से ड्रॉपलेट से फैलता है। सावधानी बरती जाए तो शव छूने से स्वास्थ्यकर्मियों और मृतक के परिवार के लोगों में संक्रमण का खतरा नहीं है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि प्रमुख सचिव के आदेश पर अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस की व्यवस्था भी की गई है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचाएंगी शव
जिला प्रशासन की मदद लेकर सीएमओ श्मशान घाट या कब्रिस्तान तक शव पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे। शव को वाहन से पहुंचाने के बाद उसे सोडियम हाइपोक्लोराइट से धुलवाया जाएगा। डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सर्जिकल मास्क, ग्लब्स, हेड कवर एवं शू कवर पहनकर ही यह काम करेंगे।
ऐसे होगी प्रक्रिया
शव गृह में शव को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल से विसंक्रमित किया जाएगा। फिर बॉडी बैग में डालकर चार डिग्री सेल्सियस के कोल्ड चैंबर में रखा जाए। चैंबर के दरवाजे और हैंडल भी सेनिटाइज किए जाएं। मृतक के शरीर में निकले लीनेन को बायो हेजार्ड बैग में रखकर डिस्पोज कराया जाएगा। शव निकालने के बाद शवगृह को भी पूरी तरीके से सेनिटाइज कराया जाएगा।
ये सावधानी बरतनी होंगी
- शव लीक प्रूफ प्लास्टिक बैग में रखकर ले जाया जाए और बाहरी हिस्से को हाइपोक्लोराइट के घोल से विसंक्रमित किया जाएगा।
- चेहरे वाले भाग की जिप सावधानी से खोलकर परिवार के लोगों को अंतिम दर्शन कराए जाएंगे।
- शव को छूए बिना धार्मिक पुस्तकों का वाचन, पवित्र जल का छिड़काव व अन्य प्रक्रिया पूरी होंगी।
- अंतिम बार शव पर लेपन, नहलाने और आलिंगन की अनुमति नहीं दी जाए।
- श्मशान और कब्रिस्तान में सीमित लोगों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी।
- अंतिम संस्कार के बाद कब्रिस्तान और श्मशान घाट का सैनिटाइजेशन कराया जाएगा।