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शहर में होर्डिग तो हजारों लगे हैं, वैध एक भी नहीं

शहर की हर गली और चौराहा होर्डिग से पटा हुआ है। निगम सूत्रों की मानें तो शहर में 10 हजार से ज्यादा होर्डिग लगे हुए हैं, लेकिन सारे अवैध हैं। न तो निगम से इनकी किसी को अनुमति मिली है और न ही इनसे विज्ञापन शुल्क का एक भी पैसा निगम के खजाने में जमा हुआ है। इसमें गलती निगम प्रशासन की भी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 03:00 AM (IST)
शहर में होर्डिग तो हजारों लगे हैं, वैध एक भी नहीं
शहर में होर्डिग तो हजारों लगे हैं, वैध एक भी नहीं

मेरठ । शहर की हर गली और चौराहा होर्डिग से पटा हुआ है। निगम सूत्रों की मानें तो शहर में 10 हजार से ज्यादा होर्डिग लगे हुए हैं, लेकिन सारे अवैध हैं। न तो निगम से इनकी किसी को अनुमति मिली है और न ही इनसे विज्ञापन शुल्क का एक भी पैसा निगम के खजाने में जमा हुआ है। इसमें गलती निगम प्रशासन की भी है। पांच एजेंसियों ने फरवरी में ही जमानत राशि के चेक के साथ आवेदन किए थे, जिन्हें नगर आयुक्त ने आज तक स्वीकृति नहीं दी।

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नया वित्तीय वर्ष शुरू हुए सात महीने बीत चुके हैं। एक अप्रैल से ही नगर निगम को शहर में लगे होर्डिग से विज्ञापन शुल्क की वसूली होनी थी, लेकिन यह आज तक भी शुरू नहीं हो सकी है। विज्ञापन शुल्क के रूप में फिलहाल नगर निगम लगभग 1.80 करोड़ सालाना की आय करता है, लेकिन निगम अफसर चाहें तो इसे कई गुना बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, आय में वृद्धि के लिए निगम अफसर गंभीर नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सामने है। विज्ञापन नियमावली के मुताबिक शहर में होर्डिग लगाने के लिए ठेकेदार को नगर निगम में पंजीकरण कराकर 15 लाख रुपये एडवांस शुल्क तथा 20 लाख रुपये जमानत राशि जमा करानी होती है। इस प्रक्रिया के लिए पांच एजेंसियों ने फरवरी 2018 में ही भुगतान के चेक के साथ आवेदन जमा करा दिया था। नगर निगम प्रशासन ने इन आवेदनों पर निर्णय नहीं लिया।

चार को स्वीकृति, पर पैसा जमा नहीं

वसूली का दबाव बढ़ने पर पांच में से चार एजेंसियों स्काई मेकर, नंद इंक, फाइन ट्रेडर्स तथा संजय शर्मा के आवेदनों को दो दिन पहले नगर आयुक्त द्वारा स्वीकृति दी गई है, लेकिन अब इनके चेक आउटडेट हो गए हैं। किसी का भी पैसा जमा नहीं है। न ही किसी को विज्ञापन की अभी अनुमति दी गई है। एक आवेदन पर स्वीकृति अभी भी लंबित है। 53 अवैध होर्डिग मालिकों को नोटिस

विज्ञापन प्रभारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि गत वर्ष चार एजेंसियों को लगभग 400 स्थानों पर होर्डिग की अनुमति दी गई थी। इन सभी का इस वर्ष भी पूरे वर्ष का शुल्क जमा कराया जाएगा। इस सूची के अलावा अवैध रूप से लगाए गए होर्डिग का रुड़की रोड, पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा तथा सिविल लाइन क्षेत्र में सर्वे किया गया तो कुल 53 अवैध होर्डिग मिले। इन सभी के मालिकों को विज्ञापन शुल्क के साथ-साथ जुर्माना राशि का नोटिस भेजा गया है।

सभी होर्डिग अवैध, इन्हें हटा दो

अपर नगर आयुक्त अमित सिंह के पास शुक्रवार को अवैध होर्डिग की शिकायतें पहुंची। उन्होंने विज्ञापन प्रभारी राजेश कुमार से जानकारी ली तथा दो टूक कहा कि अभी शहर के सभी होर्डिग अवैध हैं। अभियान चलाकर सभी को हटा दिया जाए।


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