पौधरोपण कार्यक्रम का सच : रोपे थे 21 लाख पौधे..जिंदा कितने, पता नहीं Meerut News
बीते नौ अगस्त को वृक्षारोपण महोत्सव के दौरान मेरठ में करीब 21 लाख पौधे लगाए गए थे। अब सरकार को यह रिपोर्ट भेजी जानी है कि पौधरोपण कार्यक्रम कितना सफल रहा।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। उत्तर प्रदेश में नौ अगस्त को वृक्षारोपण महोत्सव में सरकार ने एक ही दिन में 22 करोड़ पौधे रोपने का दावा किया था। जिसमें मेरठ की हिस्सेदारी 21 लाख से ज्यादा की थी। पौधरोपण के बाद पांच महीने का समय बीत गया है। अब सरकार को यह रिपोर्ट भेजी जानी है कि पौधरोपण कार्यक्रम कितना सफल रहा। जिला वृक्षारोपण समिति यह रिपोर्ट तैयार कर रही है, लेकिन दस विभाग ऐसे हैं जो कि बार बार मांगे जाने के बाद भी यह बताने को तैयार नहीं हैं कि कितने पौधे जिंदा बचे और कितने मर गए। सामाजिक वानिकी प्रभागीय निदेशक ने सभी को नोटिस भेजा है। साथ ही डीएम से भी इन विभागों से की शिकायत की है।
22 करोड़ पौधों संग बनाया था रिकॉर्ड
वृक्षारोपण महोत्सव में उत्तर प्रदेश ने एक ही दिन में 22 करोड़ पौधे रोपकर रिकार्ड कायम किया था। मेरठ जनपद ने भी इस दिन 21 लाख पौधे रोपे थे। अब सरकार ने इस पौधरोपण की सफलता की रिपोर्ट मांगी है। सामाजिक वानिकी ने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए पौधरोपण करने वाले विभागों से यह जानकारी मांगी है कि अगस्त में रोपे गए पौधों में से कितने पौधे जिंदा हैं और कितने मर गए। डीएम की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति की भी कई बैठकों में यह रिपोर्ट तैयार करने पर चर्चा हुई, लेकिन दस विभाग ऐसे हैं जिन्होंने यह सूचना नहीं दी। उनकी खामोशी सवाल व आशंका को जन्म दे रही है।
लापरवाही की भेंट तो नहीं चढ़ गए पौधे
जिंदा पौधों की संख्या बताने के नाम पर विभागों की खामोशी को देखकर तमाम शंका और आशंकाएं भी व्यक्त की जाने लगी हैं। लोगों का कहना है कि विभागों ने पौधे तो लगाए लेकिन लगाने के बाद उनकी देखरेख नहीं की। यही कारण है कि बड़ी संख्या में पौधे सूख गए। शायद यही कारण है कि विभाग अभियान की सफलता की रिपोर्ट को तैयार नहीं हैं।
रिपोर्ट न देने वाले विभाग
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक। एसडीएम मेरठ, सरधना, मवाना उपायुक्त उद्योग, उप कृषि निदेशक, पावर कारपोरेशन, आरटीओ, डीआइओएस, आइटीआइ महिला, बीएसए पॉलीटेक्निक दौराला व सीएमवीएल, रक्षा विभाग
प्रभागीय निदेशक का नोटिस
सामाजिक वानिकी प्रभागीय निदेशक अदिति शर्मा ने दस विभागों के विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी कर 18 जनवरी तक हर हाल में संख्या मांगी है। उन्होंने डीएम से भी इन विभागों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।