स्वतंत्रता दिवस 2020 : आजादी से पहले पहली बार मेरठ में यहां फहराया गया था तिरंगा
आधी रात में जब पूरी दुनिया सो रही थी। उस समय लालकिले से तिरंगा झंडा फहराया गया था। लेकिन इस आजादी के झंडे से पहले मेरठ में भी एक विशाल तिरंगा फहराया गया था।
मेरठ, जेएनएन। 15 अगस्त 1947 को देश पूरी तरह से आजाद हुआ था। आधी रात में जब पूरी दुनिया सो रही थी। उस समय लालकिले से तिरंगा झंडा फहराया गया था। लेकिन इस आजादी के झंडे से पहले मेरठ में भी एक विशाल तिरंगा फहराया गया था। जिसका अपना एक विशेष महत्व है।
मेरठ से आजादी की पहली क्रांति भी उठी थी। 10 मई 1857 की क्रांति ने ईस्ट इंडिया कंपनी के राज को खत्म कर दिया था। उसी तरह से मेरठ में आजादी से पहले फहराया गया तिरंगा भी बहुत कुछ संदेश देता है। इतिहासकार डा. केके शर्मा बताते हैं कि 23 नवंबर 1946 को विक्टोरिया पार्क में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। उस समय 14 फुट चौड़ा और नौ फुट लंबा तिरंगा फहराया गया था। इस तिरंगे को फहराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, शहरवाज खान, आचार्य कृपलानी और सुचेता कृपालानी भी शामिल हुए।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने झंडा फहराते हुए यह भी कहा था कि जिस तिरंगे के नीचे आजादी की लड़ाई लड़ी गई, वही वतन का झंडा बनेगा। इतिहास प्रो. केडी शर्मा का कहना है कि इसी अधिवेशन के अध्यक्ष आचार्य जेबी कृपलानी ने मेरठ की धरती से सबसे बड़ी घोषणा की थी कि देश के लिए एक संविधान सभा का गठन किया जाएगा। जो आजाद भारत में संविधान बनाएगी। वह बताते हैं कि विक्टोरिया पार्क के अधिवेशन में भारत को गणतंत्र बनाने की घोषणा तो हुई थी, लेकिन आजाद भारत में इस पर अमल नहीं हो पाया।
फेसबुक पर मनेगा स्वतंत्रता दिवस
कोविड काल में पहली बार 15 अगस्त को किसी भी स्कूल, कॉलेज में सामूहिक रूप से झंडा नहीं फहराया जाएगा। नहीं कोई कार्यक्रम होंगे। इसे देखते हुए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजीव गुप्ता ने सभी कॉलेजों को सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा है कि वह छात्रों से देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित कराएं और उसे फेसबुक पर अपलोड करने के लिए कहें। इससे छात्रों के अंदर एक रचनात्मक कौशल का विकास भी होगा। साथ ही वह इस 15 अगस्त के उत्सव को अपने घर से भी यादगार बना सकेंगे।