एकाउंट्स का पेपर देख छूटे परीक्षार्थियों के पसीने
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा मंगलवार को एकाउंट्स के पेपर के साथ शुरू हुई। कॉमर्स वर्ग के परीक्षार्थियों को परीक्षा के पहले दिन ही पेपर देख जोर का झटका लगा।
मेरठ, जेएनएन। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा मंगलवार को एकाउंट्स के पेपर के साथ शुरू हुई। कॉमर्स वर्ग के परीक्षार्थियों को परीक्षा के पहले दिन ही पेपर देख जोर का झटका लगा। पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को भी पेपर सामान्य से अधिक कठिन लगा। कुछ परीक्षार्थियों ने न्यूमेरिकल सेक्शन को अधिक कठिन व लेंदी बताया तो कुछ बच्चों ने तकरीबन सभी प्रश्नों को घुमावदार बताया। पेपर में कंपनी और पार्टनरशिप से अधिक प्रश्न पूछे गए, इसलिए भी बच्चों को इस साल एकाउंट्स का पेपर अधिक कठिन लगा।
न्यूमेरिकल था अधिक कठिन
सोफिया गर्ल्स स्कूल की छात्रा राधिका के अनुसार सामान्य तैयारी के साथ परीक्षा देने गए परीक्षार्थी सभी प्रश्न हल नहीं कर सके होंगे। पेपर में सेक्शन-बी आसान था, लेकिन न्यूमेरिकल सेक्शन अधिक कठिन रहा। इसमें 38 अंक के सवाल पूछे गए और यही सबसे अधिक कठिन होने से पेपर ओवरऑल कठिन लगा। पेपर में पूछे गए सभी प्रश्न पूरी तरह से सिलेबस से ही थे।
गूढ़ ज्ञान परखने वाला था पेपर
12वीं की बोर्ड परीक्षा दे रही छात्रा अद्विती के अनुसार पेपर बहुत कठिन था। इसे पूरी तरह से वहीं परीक्षार्थी हल सके होंगे जो वाकई में पढ़ाई में एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी हैं। उन्होंने बताया कि हर प्रश्न में उत्तर को विस्तार से पूछा गया जिसके इलस्ट्रेशन बहुत कठिन रहे। यह स्थिति ओवरऑल हर प्रश्न में देखने को मिली, इसीलिए पेपर का कुछ हिस्सा कठिन था बाकी आसान था, यह कहना मुश्किल है। अद्विती के अनुसार पेपर में पूछे गए प्रश्नों में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि परीक्षार्थी को संबंधित टॉपिक की पूरी जानकारी है या नहीं है। जिसने विस्तार और गहराई से पढ़ा होगा वहीं पेपर को आसान बताएगा।
सतही तैयारी से पार पाना कठिन
छात्रा सारा ने कहा कि पेपर बहुत ज्यादा कठिन था और यही मत अधिकतर परीक्षार्थियों का है। परीक्षा देकर निकलने के बाद हमने एक-दूसरे से पूछा तो सभी का मानना था कि पेपर इस बार बहुत ज्यादा कठिन था। पेपर में प्रश्न काफी घुमाकर पूछे गए, जिसका उत्तर भी उसी तरह लिखने में अधिक समय लगा। इस पेपर की महज सतही तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के लिए पास करना भी मुश्किल होगा।
रेगुलर पढ़ने वालों का पेपर था यह
सेंट मेरीज एकेडमी में एकाउंट्स के शिक्षक अमित गुप्ता के अनुसार पेपर सिलेबस से ही था लेकिन थ्योरी के साथ ही कुछ न्यूमेरिकल्स में भी पूछे गए प्रश्नों में कुछ ऐसे प्वाइंट डाले गए थे जो घुमाकर पूछे गए थे। पेपर ऐसा बिलकुल नहीं था कि अंतिम दिनों में तैयारी की और परीक्षा देकर आ गए। यह पेपर पूरे साल रेगुलर पढ़ाई करने वाले परीक्षार्थियों के लिए ही तैयार किया गया था। हालांकि छात्रों को थ्योरी और न्यमेरिकल दोनों उत्तर लिखने में उलझना पड़ा है। आइएससी में चैप्टर के अनुरूप वेटेज निर्धारित नहीं होता है, इसलिए किस चैप्टर से अधिक और कहां से कम प्रश्न पूछे यह कहना मुश्किल है। शिक्षिका शेफाली के अनुसार पेपर पिछले साल से आसान था, लेकिन फिर भी कठिन रहा है। विशेष तौर पर पेपर में कंपनी और पार्टनरशिप से अधिक प्रश्न पूछ लिए गए जिससे परीक्षार्थियों को अधिक दिक्कत हुई।