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इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और स्टाफ की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों पर होगी

नई व्यवस्था में महानगर में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और रखरखाव का जिम्मा पूरी तरह निजी कंपनियों के हाथों में होगा। 175 बसों के लिए 400 परिचालक और 210 ईटीएम उपलब्ध कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एमसीटीएसएल) रूटों का निर्धारण करेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 06:10 AM (IST)
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और स्टाफ की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों पर होगी
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और स्टाफ की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों पर होगी

मेरठ, जेएनएन। नई व्यवस्था में महानगर में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और रखरखाव का जिम्मा पूरी तरह निजी कंपनियों के हाथों में होगा। 175 बसों के लिए 400 परिचालक और 210 ईटीएम उपलब्ध कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एमसीटीएसएल) रूटों का निर्धारण करेगी। विभिन्न कंपनियों के बीच संयोजन और यात्रियों से हुई आय का बंटवारा करने की जिम्मेदारी निभाएगी।

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प्रदेश भर में लगभग 700 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। मेरठ में 50 बसें चलेंगी। इलेक्ट्रिक बसें पीएमआइ कंपनी उपलब्ध कराएगी। चालक भी कंपनी के होंगे और चार्जिग में व्यय होनी वाली बिजली का भुगतान भी पीएमआइ को करना है। लोहिया नगर में एमसीटीएसएल द्वारा बस अड्डा और चार्जिग स्टेशन का निर्माण किया गया है। एमसीटीएसएल प्रति किलोमीटर 66.43 रुपये की दर से पीएमआइ को भुगतान करेगी।

नई बनाई गई व्यवस्था में एमसीटीएसएल बसों की मरम्मत और स्टाफ के झंझट से मुक्त रहेगी। अभी तक कंपनी के पास 80 सीएनजी बसें हैं जिनमें स्टाफ और मेंटीनेंस कंपनी कर रही है। ई निविदा के तहत दो कार्यो के लिए कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। एक कंपनी फेयर कलेक्शन सर्विस मुहैया कराएगी। इसे बसों के परिचालकों को उपलब्ध कराने का जिम्मा होगा। दूसरी कंपनी इलेक्ट्रनिक टिकटिंग मशीन की आपूर्ति और उसके रखरखाव का कार्य करेगी।

इस तरह लगेगा जुर्माना

किसी रूट पर अगर पीएमआइ कंपनी संचालन के लिए बस उपलब्ध न करा पाई तो उसे उस कंपनी को हर्जाना देना होगा जो परिचालकों की नियुक्ति करेगी। वहीं ईटीएम और उसका रखरखाव करने वाली कंपनी को हर्जाना देना होगा। वहीं अगर ईटीएम और परिचालक की नियुक्ति करने वाली कंपनी अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगी और उसके चलते अगर बसें खड़ी रहेंगी तो यह कंपनियां पीएमआइ को नुकसान की भरपाई करेंगी। कौन सी कंपनी किसको कितना भुगतान करेगी इसका निर्धारण टेंडर खुलने के बाद होगा।

ई निविदा के तहत नियम और शर्तो के सहित डाक्युमेंट अपलोड कर दिए गए। 15 सितंबर को निविदाएं खोली जाएंगी। मेरठ सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केके शर्मा ने बताया कि रोडवेज अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए यात्रियों के लिए बसों का संचालन कराएगा।

यहां चलेंगी बसें

बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद के लिए 25-25, गाजियाबाद और मेरठ के लिए 50-50 बसें हैं।


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