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मेरठ का डिस्कस दे सकता है दुनिया को नया चैंपियन

दुनिया के शीर्ष दस में से सात के हाथ में मेरठी डिस्कस, यूएएस में ले रहे ट्रेनिंग

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 07:00 AM (IST)
मेरठ का डिस्कस दे सकता है दुनिया को नया चैंपियन
मेरठ का डिस्कस दे सकता है दुनिया को नया चैंपियन

संतोष शुक्ल, मेरठ: एथलेटिक्स में भारत भले ही पिछली कतार में दौड़ता है, किंतु यहां के खेल उपकरण दुनिया को नए चैंपियन दे रहे हैं। भले ही आप यकीन न कर पाएं, किंतु विश्व के सर्वश्रेष्ठ दस थ्रोअरों में से सात के हाथ में मेरठ का डिस्कस है। नई तकनीक से बनी यह डिस्कस हवा में देर तक ठहरती है, जिसके दम पर कई होनहार एथलीट नए रिकार्ड बनाने पर फोकस कर रहे हैं। यूएसए एवं यूरोप की ज्यादातर एकेडमियां मेरठ से लगातार संपर्क में हैं।

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ओलंपियनों की पसंद

द निया के शीर्ष थ्रोअर यूएसए की तमाम एकेडमियों में अभ्यास कर रहे हैं। ओलंपियन और जमैका के नंबर एक थ्रोअर फेडरिक डेकर व गत दिनों 71.29 मीटर थ्रो करने वाले स्वीडन के डेनियल स्टाल ने मेरठ की नेल्को कंपनी से नया डिस्कस मांगा है। आगामी एशियाड में स्वर्ण पदक के बड़े दावेदार ईरान के एहसान हदादी, यूएएस चैंपियनशिप व ओलंपियन रोडनी ब्राउन, जैरेड सुमन, व मेसेन फिनले भी मेरठ के डिस्कस पर भरोसा करते हैं। यूरोपियन चैंपियन हेंस क्रिचलर, दक्षिण अफ्रीका के धुरंधर थ्रोअर विक्टर हॉगन व पूर्व जूनियर व‌र्ल्ड चैंपियन आस्ट्रेलियाई एथलीट मैथ्यू डेनी, स्टोनिया के मार्टिन क्रिपर और यूएसए के 24 साल के सनसनीखेज थ्रोअर रेजी जैगर्स भी स्पो‌र्ट्स सिटी के डिस्कस से रिकार्ड प्रदर्शन करने की ओर बढ़ रहे हैं। यूएसए के कोच मैट ने माना है कि मेरठ में बना नया डिस्कस ज्यादा दूर तक फेंका जा सकेगा।

हवा को चीरने में माहिर है ये डिस्कस

डिस्कस बनाने में कार्बन, एबीएस व पालीकार्बोनेट का प्रयोग होता है। ¨रग में ब्रास, स्टेनलेस स्टील और कई प्रकार की एलॉय का इस्तेमाल करते हैं। 90 फीसद भार डिस्कस के किनारों पर मेंटेन किया जाता है। इससे हवा में तेजी से नाचती हुई यह दूर तक पहुंचती है, किंतु यूएसए में दो साल तक रिसर्च के बाद नया डिस्कस बनाया गया, जिसमें ¨रग वेट हटा लिया गया है। इसे विंड टनेल 'हवा की ताकत से डिस्कस को उठाना' में टेस्ट के दौरान पता चला कि यह डिस्कस 80 मीटर पार कर सकता है। कंपनी निदेशक अंबर आनंद का कहना है कि इस डिस्कस के ऐरोग्राफ का यूएसए के टेक्सास में प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमे कई एथलीटों ने काफी पसंद किया। इस तकनीक को पेटेंट कराया गया है। कंपनी 1988 सियोल से तकरीबन हर ओलंपिक में अपने थ्रोइंग उपकरण भेज रही है। पुरुष वर्ग का डिस्कस दो किला महिला वर्ग का एक किलो व युवा एथलीटों के लिए 1.6 किलो निर्धारित है।


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