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अफसरों को तीन साल से पता थे प्रहलाद नगर के हालात

प्रहलाद नगर का माहौल एकाएक अराजक नहीं हुआ। शरारती तत्वों की दस्तक बढ़ने के साथ-साथ यहां का मिजाज बदलता चला गया। ऐसा नहीं कि अफसर अनजान थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 04:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 06:24 AM (IST)
अफसरों को तीन साल से पता थे प्रहलाद नगर के हालात
अफसरों को तीन साल से पता थे प्रहलाद नगर के हालात

मेरठ। प्रहलाद नगर का माहौल एकाएक अराजक नहीं हुआ। शरारती तत्वों की दस्तक बढ़ने के साथ-साथ यहां का मिजाज बदलता चला गया। ऐसा नहीं कि अफसर अनजान थे। उन्हें सबकुछ पता था, और वह भी तीन साल से। मगर, अफसोस, हालात बदलने के लिए सिस्टम का कोई नुमाइंदा आगे नहीं आया। इस लापरवाही का खामियाजा प्रहलाद नगर के लोगों को भुगतना पड़ा। मगर, दैनिक जागरण द्वारा हकीकत से रूबरू कराने के बाद सिस्टम हरकत में आया। आस जगी है कि अब सब कुछ ठीक होगा। शरारती तत्वों पर लगाम कसेगी।

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लिसाड़ी गेट क्षेत्र के प्रहलाद नगर निवासी आरएसएस कार्यकर्ता अशोक कथूरिया ने बताया कि शरारती तत्वों ने उनके परिवार को प्रताड़ित कर रखा था, लेकिन पुलिस सुनने को तैयार नहीं थी। इस अराजक माहौल में बेटे-बेटियों के रिश्ते तक नहीं हो पा रहे थे। मजबूरन मकान में ताला लगाकर सरस्वती लोक कालोनी में बसना पड़ा। तब जाकर बच्चों की शादी हो सकी। शुक्रवार को प्रहलाद नगर पहुंचे अशोक कथूरिया ने कहा कि 4 जून-2016 को ही प्रहलाद नगर में शरारती तत्वों के कारण बिगड़े हालातों की जानकारी तत्कालीन डीएम को ज्ञापन सौंपकर की थी। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस-प्रशासन प्रहलाद नगर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करे तो मैं हीं नहीं, कालोनी छोड़कर बाहर बसने वाले परिवार भी लौट आएंगे। अब उम्मीद जगी है कि प्रहलाद नगर उजड़ने से बच जाएगा। दूसरी तरफ, हालांकि यहां की जनता छेड़छाड़, लूटपाट, चोरी, युवतियों के अपहरण का प्रयास जैसे आरोप शरारती तत्वों पर लगा रही हैं, मगर पुलिस रिकॉर्ड में छिनैती और चोरी की एक-दो ही केस दर्ज हैं। शहर में कई हैं प्रहलाद नगर

आरएसएस कार्यकर्ता अशोक कथूरिया ने बताया कि 2016 में जब डीएम को ज्ञापन सौंपा था, तब भी कहा था कि प्रहलाद नगर के अलावा शहर की दो दर्जन कालोनियों में भी अराजकता है। इसके चलते लोग मकानों को बेचकर अथवा किराये पर देकर चले गए हैं। इन कालोनियों में रायजादगान, तोपचीबाड़ा, सरायदीना, जाटान स्ट्रीट, छीपीबाड़ा, पोदीबाड़ा, बनियापाड़ा, पत्ता मौहल्ला, सराय लाल दास, पटेलनगर के अलावा थापर नगर में शुरुआत है। हापुड़ रोड स्टेट बैंक कालोनी, जनकपुरी, विकासपुरी, श्यामनगर, सोतीगंज, तारापुरी, जाटव गेट, भवानी नगर शामिल हैं। इसी तरह भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भी इसी तरह शहर की कालोनियों से मकान बेचकर परिवारों के चले जाने के आरोप लगाए थे। वाट्सएप पर वायरल सोतीगंज की लिस्ट

शुक्रवार को वाटसअप पर सोतीगंज की एक लिस्ट वायरल हो गई। इसमें प्रहलाद नगर की तरह शरारती तत्वों के कारण 28 परिवार मकान बेचकर जाने वाले और अब उन मकानों में रहने वाले लोगों के नाम शामिल हैं। मकानों को बेचने वाले बहुसंख्यक वर्ग के हैं, जबकि उनको खरीदने वाले दूसरे संप्रदाय के लोगों के नाम हैं। पुलिस को जांच कर इस लिस्ट की सच्चाई के बारे में पड़ताल करनी चाहिए।


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