जैसा हमें खिलाया वैसा ही खाना जरूरतमंदों को रोजाना मिले
प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शनिवार को सांसद और सात विधायकों के घर पर अलग अलग सरकारी रसोई का खाने का पैकेट भेजा। सभी ने खाना खाकर देखा और खाने की सराहना की लेकिन हिदायत भी दी कि जैसे खाना उनके घर पर भेजा गया है।
मेरठ, जेएनएन। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शनिवार को सांसद और सात विधायकों के घर पर अलग अलग सरकारी रसोई का खाने का पैकेट भेजा। सभी ने खाना खाकर देखा और खाने की सराहना की लेकिन हिदायत भी दी कि जैसे खाना उनके घर पर भेजा गया है। जरूरतमंदों को भी वैसा ही खाने का पैकेट रोजाना उपलब्ध कराया जाए। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वे खुद कभी भी किसी भी दिन रसोई पर पहुंचकर गाड़ी में लदे पैकेट को खोलकर उसकी जांच करेंगे।
जिला विकास अधिकारी डीएम एन तिवारी एक ग्राम विकास अधिकारी के साथ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के घर पांडव नगर रसोई में तैयार खाने का पैकेट लेकर पहुंचे। सांसद उस समय हापुड़ गए थे। उनके प्रतिनिधि हर्ष गोयल ने खाना प्राप्त किया। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने हापुड़ से लौटकर खाना खाया। खाना अच्छा था। उसमें पूरी, चावल के साथ मिक्स दाल और राजमा की सब्जी थी। उन्होंने कहा कि ऐसा ही पैकेट प्रत्येक जरूरतमंद को मिलना चाहिए। एक रसोई से 24 हजार पैकेट खाना प्रतिदिन तैयार कराया जाना अनुचित है। 5-5 हजार पैकेट की छोटी छोटी रसोई बनाई जाएं तो खाना खराब होने की शिकायत नहीं रहेगी। साथ ही ट्रांसपोर्ट खर्च भी कम हो जाएगी। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के पास छावनी के अतिथि भवन में संचालित रसोई का खाने का पैकेट पहुंचा। उन्होंने बताया कि हो सकता है जो पैकेट हमारे पास भेजा गया वह विशेष रूप से तैयार किया गया हो। रसोई के काने की वास्तविक जांच तो कभी भी मौके पर पहुंचकर ही की जाएगी। विधायक सोमेंद्र तोमर ने बताया कि यह व्यवस्था समझ से परे है। अफसरों को मौके पर ही खाना खाकर और पैकेट को खोलकर चेक कर लेना चाहिए।