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बंगाली कारीगरों की आवाभगत बिहार के प्रवासी रह गए मायूस

जागरण संवाददाता मेरठ लंबे इंतजार के बाद बंगाली कारीगर जब रविवार को ट्रेन पर सवार ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 05:00 AM (IST)
बंगाली कारीगरों की आवाभगत बिहार के प्रवासी रह गए मायूस
बंगाली कारीगरों की आवाभगत बिहार के प्रवासी रह गए मायूस

जागरण संवाददाता, मेरठ : लंबे इंतजार के बाद बंगाली कारीगर जब रविवार को ट्रेन पर सवार होने सिटी स्टेशन पहुंचे तो उनकी जमकर आवभगत हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से स्टेशन की लॉबी पर काउंटर बनाए गए थे। हर यात्री को मास्क, रस का पैकेट, फल, बच्चों को बिस्कुट और पानी की बोतलें दीं गईं। इसके पहले जमुनिया बाग में लगे पंडाल में भी उन्हें खाने की थाली और पानी की बोतलें नोडल अधिकारी प्रवीणा अग्रवाल ने प्रदान की। यही नहीं, भारी भरकम बोरे और सामान लादकर जो कारीगर ले जा रहे थे, उनके सामान को उठवाने में भी स्वयंसेवकों ने मदद की। एक बुर्कानशीं महिला अकेली थी, उसके सामान के तीन चार नग थे। स्वयंसेवकों ने देखा तो खुद उसका सामान कोच में ले जा कर रखा। भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा, डा. चरण सिंह लिसाड़ी समेत अन्य लोग स्वयंसेवक की पोशाक में स्टेशन की लॉबी में डटे रहे।

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वहीं, जब दोपहर 12 बजे जब बिहार और झारखंड के कामगार रवाना हुए तो स्टेशन पर उन्हें पूछने वाला कोई न था। चूंकि वे सुबह नौ बजे से भैंसाली से स्टेशन के लिए निकलने शुरू हो गए थे, तो कई को तो खाने के पैकेट भी नहीं मिले।

रेलवे की वेंडरों की ट्रॉलियां में खाने पीने के पैकेट (जिसमें पानी की बोतल, बिस्कुट व चिप्स के पैकेट थे) के पैक बनाए थे। यह ट्रॉलियां स्टेशन के अंदर जाती दिखीं, लेकिन यात्रियों को मिली की नहीं। इसकी खोज खबर लेने वाला कोई न था। स्टेशन पर मीडिया का प्रवेश रविवार को भी प्रतिबंधित था।


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