कोठों के ताले खुलते रहे, पुलिस गश्त करती रही
कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया में कोठे बंद कराने के नाम पर खानापूरी की जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि यहां से कोठे बंद कर सब फरार हो गए हैं जबकि बुधवार को पुलिस के सामने ही कोठों के दरवाजे खुलते रहे।
मेरठ । कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया में कोठे बंद कराने के नाम पर खानापूरी की जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि यहां से कोठे बंद कर सब फरार हो गए हैं, जबकि बुधवार को पुलिस के सामने ही कोठों के दरवाजे खुलते रहे। यह हाल तो तब है, जब हाईकोर्ट को गुमराह करने के प्रयास में अफसरों को फटकार लग चुकी है।
ब्रह्मापुरी व देहली गेट थाना क्षेत्र की सीमा के बीच स्थित कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया दशकों पुराना है। यहां कोठे बंद कराने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर रखी है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यहां देह व्यापार नहीं होता है, जबकि कई सरकारी व गैरसरकारी रिपोर्ट इस दावे को झुठला रही हैं। बुधवार सुबह भी पुलिस गश्त करने पहुंची। एक-दो बार इधर से उधर घूमकर ड्यूटी पूरी हो गई। इस दौरान वहां कोठा संचालिका कोठों के ताले खोलती नजर आई।
खिड़कियों में पर्दे के पीछे कोई है..
लगभग सभी कोठों की खिड़कियों पर पर्दे लगा दिए गए हैं। अंदर कोई है। इसकी सुगबुगाहट भी है, परंतु कोई सामने नहीं आ रहा।
क्या यही कार्रवाई है
अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए अधिकारियों ने कबाड़ी बाजार में सीसीटीवी कैमरे और पुलिस पिकेट लगाने की बात कही है, लेकिन कहीं पुलिस पिकेट नजर नहीं आई। पुलिसकर्मियों ने एक-दो बार गश्त जरूर की। सरकारी तंत्र की इस कार्यशैली पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
पुनर्वास की मांग
रेड लाइट एरिया में रहने वाली कुछ महिलाओं के बच्चे शहर की शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे हैं। कई लड़कियां बीबीए-बीसीए जैसे कोर्स भी कर रही हैं। संबंधित विभाग ने रेड लाइट एरिया की महिलाओं के पुनर्वास के लिए धरातल पर कोई कार्य नहीं किया है। इस बाबत उन्होंने आवाज भी उठाई है।
कबाड़ी बाजार के मकान मालिकों के साथ बैठक की जाएगी। अनैतिक कार्य होता मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पुलिस पिकेट तैनात कर दी गई है।
डॉ. बीपी अशोक, एसपी क्राइम