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खिलाड़ियों का स्तर बता रहा है, स्कूलों में खेलों की अनदेखी हो रही है

जनपदीय क्रीड़ा समारोह के दूसरे दिन खिलाड़ियों ने लंबी व ऊंची कूद में लगाई छलांग। खेल मैदान, खेल प्रशिक्षक और खेल उपकरणों की कमी से जूझते स्कूलों से निकल रहे इन खिलाड़ियों में हुनर है लेकिन मार्गदर्शक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:50 AM (IST)
खिलाड़ियों का स्तर बता रहा है, स्कूलों में खेलों की अनदेखी हो रही है
खिलाड़ियों का स्तर बता रहा है, स्कूलों में खेलों की अनदेखी हो रही है

मेरठ(जेएनएन)। राजकीय इंटर कालेज के मैदान में चल रही जनपदीय क्रीड़ा समारोह में खिलाड़ियों का स्तर स्कूलों में खेलकूद की अनदेखी को बयां कर रहा है। खेल मैदान, खेल प्रशिक्षक और खेल उपकरणों की कमी से जूझते स्कूलों से निकल रहे इन खिलाड़ियों में हुनर है लेकिन मार्गदर्शक नहीं है। जो खेल प्रशिक्षक अपनी-अपनी टीम लेकर पहुंचे हैं उनमें भी केवल अपनी टीम को जिताने की चिंता ही दिख रही है। किसी तरह खेल का आयोजन पूरा कर कागजी कार्रवाई हर साल पूरी हो रही है।

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बच्चों को नहीं मिलता कोई लक्ष्य

जिला स्तरीय प्रतियोगिता में किसी भी दौड़ में धावकों का समय नहीं देखा जाता है। किसी को भी यह नहीं मालूम है कि सालों से हो रही जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में एथलिट्स ने 100, 200, 400 आदि दौड़ को कितने समय में पूरी की। बच्चे भी यह नहीं जान पाते कि उन्हें अपनी रफ्तार में कितने सुधार की आवश्यकता है। तीन दिवसीय प्रतियोगिता में न कोई रिकॉर्ड बनता है और न ही टूटता है।

हर शिक्षक बनें खेल प्रेमी

क्षेत्रीय बोर्ड सचिव राणा सहस्त्रांशु कुमार 'सुमन' के अनुसार स्कूलों में हर शिक्षक को खेल के प्रति गंभीर होना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि केवल खेल प्रशिक्षक ही बच्चों को खेल के लिए प्रेरित करें। अन्य विषयों के शिक्षक भी खेल से जुड़ेंगे तो उनकी सेहत सुधरेगी और बच्चों को बेहतर मार्गदर्शक मिलेंगे। जिविनि गिरजेश कुमार चौधरी के अनुसार स्कूलों में खेल के मैदान और प्रशिक्षकों की कमी के कारण संसाधन सीमित हैं। लेकिन इस सीमित संसाधन में भी जुनून हो तो बेहतर किया जा सकता है।

यहीं से जाएंगे नेशनल गेम्स

यूपी बोर्ड की खेलकूद प्रतियोगिता में प्रदेश स्तर पर विजेता खिलाड़ी ही स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की नेशनल प्रतियोगिता में यूपी बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। उसमें सीबीएसई, आइसीएसई, विद्या भारती आदि की टीमें होती हैं। बेहतर प्रशिक्षण के कारण हर बार सीबीएसई और आइसीएसई के बच्चे ही आगे निकलते हैं।

गुरुवार को ये खिलाड़ी रहे विजेता

अंडर-14 सब-जूनियर बालिका ऊंची कूद में प्रथम प्रीति, द्वितीय कशिश और तृतीय हिमानी रही। इसी तरह 200 मीटर दौड़ में खुशबू पाल, सुनीता और अंजली सोम विजेता रहीं। लंबी कूद में शिवानी, हीरामणि और लक्ष्मी, डिस्कस थ्रो में राधा, सुनीता व पूनम, 600 मीटर दौड़ में हीरामणि, दीपशी व शबा, गोला फेक में सुनीता, अंजली सोम व शीतल विजेता रहीं। अंडर-19 सीनियर बालक वर्ग के त्रिकूद में पंकज, सौरभ कुमार व नितिन तोमर, छह किमी क्रॉस कंट्री में दीन मोहम्मद, जूनियर बालिका त्रिकूद में आकांक्षा व सपना और सीनियर बालिका त्रिकूद में आशु सोम, भारती शर्मा व मानसी विजेता रही।


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