गार्गी गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने जाना फिट रहने का महत्व
नई पीढ़ी में संस्कारों की महत्ता को विकसित करने और उन्हें उनका अनुसरण करने के लिए दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को गार्गी गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने कहानी सुनी। छात्राओं ने 'फिट है तो हिट है' शीर्षक की कहानी सुनते हुए जीवन में फिट रहने के तौर-तरीकों और उनके महत्व के बारे में जाना। दैनिक जागरण प्रतिनिधि के तौर पर राष्ट्रीय गौरव अवार्ड से सम्मानित डा. शिवचरण शर्मा ने छात्राओं को कहानी का सार बताते हुए फिट रहने का महत्व समझाया।
मेरठ : नई पीढ़ी में संस्कारों की महत्ता को विकसित करने और उन्हें उनका अनुसरण करने के लिए दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को गार्गी गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने कहानी सुनी। छात्राओं ने 'फिट है तो हिट है' शीर्षक की कहानी सुनते हुए जीवन में फिट रहने के तौर-तरीकों और उनके महत्व के बारे में जाना। दैनिक जागरण प्रतिनिधि के तौर पर राष्ट्रीय गौरव अवार्ड से सम्मानित डा. शिवचरण शर्मा ने छात्राओं को कहानी का सार बताते हुए फिट रहने का महत्व समझाया।
डा. शर्मा ने छात्राओं को बताया कि मनुष्य की जैसी जीवनशैली होती है, वैसी ही उसकी जीवन की गति होती है। हमें स्वयं को फिट बनाने के लिए अपने रहन-सहन तथा खान-पान के ढंग को बदलना होगा। विशेषकर बच्चों को फास्ट फूड से दूरी बनानी होगी। डा. शर्मा ने बच्चों से कहानी पर आधारित प्रश्न पूछे जिसका बच्चों ने बढ़चढ़कर जवाब भी दिया। स्कूल की प्रिंसिपल अनुपमा सक्सेना ने सभी बालिकाओं को नियमित व्यायाम व योग करने के लिए प्रेरित किया जिससे वे सदा स्वस्थ बनी रहें।
बच्चों से सवाल और उनके जवाब
आयुष की मां ने उसे क्या काम करने को कहा?
आयुष की मां ने उसे कमरा साफ करने और घर के काम में हाथ बंटाने को कहा। - झलक, कक्षा आठ
आयुष की बहन ने उससे क्या कहा?
उसकी बहन ने उससे कहा कि उसके दोस्त इतने फर्तीले हैं और वह घर में बैठा रहता है। - वैशाली, कक्षा आठ
आयुष के दोस्त उसे क्या कहकर पुकारते थे?
उसके दोस्त उसे छोटा हाथी, गैंडा और गोल गप्पा कहकर पुकारते थे। - जननी, कक्षा छह
फिट रहने के लिए आयुष किससे प्रभावित हुआ?
फिट रहने के लिए आयुष फिटनेस मंत्र नामक कार्यक्रम से प्रभावित हुआ।
-मृणाली, कक्षा आठ