मेरठ के सीवरेज प्लान का भविष्य अधर में
अमृत योजना के तहत पूरे शहर को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने की योजना अधर में लटक गई है।
जेएनएन, मेरठ। अमृत योजना के तहत पूरे शहर को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने की योजना अधर में लटक गई है। कामों में तेजी लाने के लिए गत वर्ष स्थापित की गई अतिरिक्त निर्माण इकाई शासन ने बंद कर दी है। संबंधित काम फिर से जलनिगम की नागर इकाई को सौंप दिए हैं। शासन के इस फैसले से कामों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
अमृत योजना के तहत शहर में सीवरेज नेटवर्क और पेयजल कनेक्शन के काम तेजी से पूरे कराने के लिए पिछले साल अगस्त में अतिरिक्त निर्माण इकाई का कार्यालय खोला गया था। इसमें एक परियोजना प्रबंधक, दो अधिशासी अभियंता, छह अवर अभियंता, तीन लिपिक और एक एकाउंटेंट की पदस्थापना की गई थी। इकाई की सक्रियता के चलते 60 किमी. सीवर लाइन डाली जा चुकी है। जल निगम के एमडी के निर्देश पर 31 जुलाई को यह इकाई समाप्त कर दी गई। बताते चलें किनागर इकाई की बेपरवाही के चलते ही अतिरिक्त निर्माण इकाई स्थापित की गई थी।
अतिरिक्त इकाई ने ही भेजा था प्रस्ताव
नगर आयुक्त के निर्देश पर पूरे शहर को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने का प्रस्ताव अतिरिक्त निर्माण इकाई के परियोजना प्रबंधक इं. विनय रावत ने तैयार कराया था। अमृत योजना के तहत 934.72 किमी. लाइन से घरों के शौचालय, किचन और स्नानागार का पानी सीवर लाइन डालकर जोड़ने का प्रस्ताव था। 1600 करोड़ रुपए का यह प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति के लिए लंबित है। इनका कहना-
यह शासन का निर्णय है। अमृत योजना के काम में तेजी लाने के लिए इस इकाई को स्थापित किया गया था। अब जल निगम की नागर इकाई यह काम देखेगी। कामों की गति धीमी नहीं पड़ने दी जाएगी।
डा. अरविद चौरसिया, नगर आयुक्त।