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शतायु मतदाताओं का हौसला भरेगा मतदान का जोश

जनपद में कम मतदान को लेकर प्रशासनिक अधिकारी खासे गंभीर हैं। वे इसे बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। मतदान में हिस्सा न लेने वाले मतदाता मध्यम आयु वर्ग के हैं। जबकि सौ से ज्यादा आयु वाले बुजुर्ग मतदाता उम्र की इस दहलीज पर आने के बाद भी मतदान करने की तैयारी में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:02 AM (IST)
शतायु मतदाताओं का हौसला भरेगा मतदान का जोश
शतायु मतदाताओं का हौसला भरेगा मतदान का जोश

मेरठ, जेएनएन। जनपद में कम मतदान को लेकर प्रशासनिक अधिकारी खासे गंभीर हैं। वे इसे बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। मतदान में हिस्सा न लेने वाले मतदाता मध्यम आयु वर्ग के हैं। जबकि सौ से ज्यादा आयु वाले बुजुर्ग मतदाता उम्र की इस दहलीज पर आने के बाद भी मतदान करने की तैयारी में जुटे हैं। नए नए मतदाता बने युवा भी पहला वोट डालने के लिए 10 फरवरी का बेसब्री का इंतजार कर रहे हैं।

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जब से बनी विधानसभा तभी से कर रहे मतदान

हस्तिनापुर विधान सभा के गाव गुढ़ा निवासी धावक धर्मपाल सिंह गुर्जर की उम्र 100 साल है। उनका कहना है कि वे हस्तिानपुर विधानसभा के गठन के बाद से ही प्रत्येक चुनाव में मतदान कर रहे हैं। हस्तिनापुर से पहले विधायक मवाना के विष्णु़ शरण दुबलिश थे। जिन्हें मैने वोट दी थी। इस बार भी मतदान के लिए मतदान की तिथि का इंतजार है। ऐसा प्रतिनिधि चुनेंगे जो क्षेत्र का विकास करा सके।

-------------- हमारे वोट से बनती है सरकार

सिवालखास विधानसभा के कसबा करनावल निवासी आशाराम फोगाट की उम्र 102 वर्ष है। उनका कहना है कि वे लगातार सभी चुनाव में अपने मत का प्रयोग करते आ रहे हैं। भले ही उम्र 100 के पार हो गई हो लेकिन मतदान जरूर करूंगा। हमारी वोट से ही सरकार बनती है। वे दूसरे लोगों से भी मतदान की अपील करते हैं।

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इस बार भी खुद चलकर वोट डालेंगी रामावती

खरखौदा ब्लाक के बधौली गांव में रामावती पत्‍‌नी बालक राम त्यागी 101 साल की हैं। वे भी हर चुनाव में वोट डालती हैं। उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव में भी वे खुद चलकर वोट डालने गई थी। इस बार भी अपनी लाठी के सहारे से पैदल चलकर बूथ पर जाएंगी और वोट डालेंगी।

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सहारा लेकर ही सही, वोट जरूर डालूंगा

सरधना कसबा के मोहल्ला कुम्हारान निवासी जय सिंह 103 साल के बुजुर्ग हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रधान, विधानसभा, लोकसभा के साथ प्रत्येक चुनाव में मतदान करते हैं। भले ही शरीर कमजोर हो गया हो लेकिन परिवार के लोग पूरा साथ देते हैं। साथ बूथ पर ले जाकर मतदान कराते हैं। इस बार भी मुझे मतदान की तारीख का इंतजार है। प्रत्येक देशवासी को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। --------------

- विधानसभा के चुनाव में इस बार पहली बार वोट डालने का मौका मिलेगा। मेरा वोट भी सरकार बनाने में अहम योगदान रखेगा। मैं वोट जरूर डालूंगा।

नमन जैन, मोहल्ला बेलदारान सरधना

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- मतदाता सूची में नाम शामिल कराया है। यह पहला मौका है जब मैं वोट डालूंगा। यह खास अनुभव होगा। अपने दोस्तों को भी साथ लेकर जाऊंगा। ऐसे व्यक्ति को वोट दूंगा जो क्षेत्र, समाज व देशहित की सोच रखने वाला हो।

अर्चित पाडेय, मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना

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पहली बार वोट डालने के लिए मैं बेताब हूं। यह मेरा अधिकारी है जिससे माध्यम से मैं अपनी पसंद के प्रत्याशी का चुनाव कर सकता हूं। मतदान सभी को करना चाहिए।

निशात चौहान उर्फ छोटू, मैनापुट्ठी सिवालखास विधानसभा ----------

शहरी घर से नहीं निकलते, ग्रामीणों ने डाले वोट

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों वाली विधानसभाओं में शहर की तुलना में दस फीसद तक ज्यादा मतदान हुआ। सिवालखास में 70.85 प्रतिशत, सरधना में 71.92, किठौर में 71.43 तथा हस्तिनापुर में 68.25 फीसद मतदान हुआ। जबकि शहरी क्षेत्र की विधानसभा सीटों में मेरठ शहर में 64.56, कैंट में 59.33 तथा मेरठ दक्षिण में 62.39 फीसद ही मतदान हुआ।


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