70 साल से देश घिस रहा था, 2014 से राष्ट्र चल रहा है
देश की कमान 70 साल से उन नेताओं के हाथ थी जिन्होंने अपने हितों व सत्ता सुख भोगने के लिए देश के एक बड़े हिस्से को अलग कर दिया था। पहले देश में बिना काम किए नेता देश के हीरो बन बैठे थे। पहले देश घिस रहा था अब राष्ट्र चल रहा है।
मेरठ, जेएनएन। देश की कमान 70 साल से उन नेताओं के हाथ थी जिन्होंने अपने हितों व सत्ता सुख भोगने के लिए देश के एक बड़े हिस्से को अलग कर दिया था। पहले देश में बिना काम किए नेता देश के हीरो बन बैठे थे। पहले देश घिस रहा था अब राष्ट्र चल रहा है। अब असली नेता ही हीरो बनेंगे। यह कहना है पत्रकार रहे पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का। वे चौधरी चरण सिंह विवि स्थित नेताजी सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में भारत का भविष्य विषय पर विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद से दुनिया में सिर्फ सनातन धर्म का अस्तित्व था और अंत तक रहेगा। इस देश का अस्तित्व पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। एक हजार साल पहले आए लोग हमारा अस्तित्व कैसे खत्म कर देंगे। लोगों को विश्व की चिंता तो है, लेकिन अपने घर की चिंता नहीं है। कहा कि कुछ नेताओं ने 70 साल तक देश को दीमक की तरह खाया। अब राष्ट्र आगे बढ़ चला है। जम्मू कश्मीर पर कहा कि यहां सिर्फ दो धाराओं का अंत नहीं किया गया। इस्लामिक आतंकवाद से जूझ रहे देश के अंग को देश में मिलाया है। 1947 से सत्ता पर एक ही परिवार का कब्जा था। भारत-पाकिस्तान के बीच जब भी कोई मतभेद होता तो पुरानी सरकार कहती कि बातचीत कर के मामला सुलझाते है। लेकिन 2014 में आए नेता ने सबसे पहले इस बातचीत को बंद किया। अब पाकिस्तान भारत से परेशान रहता है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने दीप जलाकर शुभारंभ किया। अशोक सुधाकर, अनिल शर्मा, डा. संजय गुप्ता, अभिजीत दुबे, संजीव पुंडीर, शुभम बंसल, डा. योगेंद्र शर्मा उपस्थित रहे।
तेज बोलने वाले सच नहीं बोलते
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि जो लोग जितने जोर से बोलते हैं कि हमें सच बोलना चाहिए, वो उतना ही झूठ बोलते है। हमने दुनिया को नजदीक से देखा है कि जो मां-बाप बच्चों को सिखाते है कि सच बोलो, वो खुद ही झूठ बोल रहे है। उन्होंने कहा कि पीवी नरसिंहा राव जो 1994 में प्रधानमंत्री थे। वह चाणक्य की नीति पर चलते थे। आधुनिक भारत में मैनें उनसे बड़ा चाणक्य नहीं देखा।
स्वस्थ्य शरीर है तभी है मस्तिष्क स्वस्थ
मौके पर उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता व सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनु गौड़ ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास है, क्या देश का नागरिक वास्तव में स्वस्थ है ये बड़ा सवाल है। हम अपने बच्चों के लिए आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित भविष्य छोड़कर नहीं जा रहे है। इसे लेकर चिंता है।