Sawan 2021 बिजनौर : आस्था का केंद्र है प्राचीन शिव मंदिर, अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालु यहां माथा टेककर शुरू करते हैं यात्रा
बिजनौर जिले के नजीबाबाद में मालन नदी के तट पर स्थित महामृत्युंजय प्राचीन शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए अमरनाथ यात्रा को जाने वाले श्रद्धालु अपनी यात्रा इसी मंदिर पर माथा टेककर शुरू करते हैं।
बिजनौर, जेएनएन। नजीबाबाद में महामृत्युंजय प्राचीन शिव मंदिर मालन नदी के तट पर रामलीला मैदान के निकट स्थित है। यहां का वातावरण मनोरम बना रहता है। देवभूमि हरिद्वार जाने वाले राजमार्ग से मालन नदी का पुल पार कर सीधे महामृत्युंजय मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यहां फाल्गुन मास में और श्रावण मास में श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।
मंदिर की विशेषता
मान्यता है कि प्राचीन समय में श्रद्धालु बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम की यात्रा महामृत्युंजय मंदिर से ही शुरू करते थे। आज भी श्रद्धालु इस परंपरा को निभा रहे हैं। बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए अमरनाथ यात्रा को जाने वाले श्रद्धालु अपनी यात्रा इसी मंदिर पर माथा टेककर शुरू करते हैं।
मंदिर का इतिहास
महामृत्युंजय मंदिर शिवभक्तों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। इसकी स्थापना की स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन श्रद्धालु बताते हैं कि मंदिर काफी पुराना है। यहां 12 ज्योतिर्लिंग और 10 महाविद्याएं विराजमान हैं। नजीबाबाद में मालन नदी के तट पर स्थित प्राचीन मंदिर पर रोजाना स्थानीय श्रद्धालु भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। श्रावण मास में ही नहीं, वर्ष भर नियमित रूप से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। उनका कहना है कि जलाभिषेक से आत्मा के शुद्ध और निर्मल होने का एहसास होता है।
मंदिर के पुजारी पंडित सुनील ध्यानी का कहना है कि मंदिर पर रोजाना सुबह भगवान शिव का रुद्राभिषेक होता है और श्रद्धालु महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। मान्यता है कि मंदिर पर श्रद्धाभाव से शिव स्तुति करने वाले शिवभक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।