सहारनपुर : आतंकी नदीम को पाक से मिला था निर्देश, भारत में बनाने हैं कई आतंकी
Terrorist arrested in UP नदीम से पूछताछ के बाद फतेहपुर से उठाया एक और आतंकी। दोनों पाकिस्तान जाकर जेहादी ट्रेनिंग लेना चाहते थे और वापस भारत में आकर जेहाद करना चाहते थे। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े थे दोनों अभी और हैं।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने सहारनपुर से जिस जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े नदीम को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ के बाद अब कानपुर एटीएस ने नदीम एक साथी को फतेहपुर जिले से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित ने पूछताछ में बताया है कि नदीम ने उससे संपर्क किया था। जिसके बाद उसके पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों के अन्य आतंकी संगठनों के हैंडलरों से बातचीत हुई है। हालांकि यह बातचीत इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म से हुई है।
जेहादी ट्रेनिंग लेना चाहते थे दोनों
फतेहपुर से पकड़ा गया आतंकी और नदीम दोनों पाकिस्तान जाकर जेहादी ट्रेनिंग लेना चाहते थे और वापस भारत में आकर जेहाद करना चाहते थे। दरअसल, गंगोह थानाक्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी नदीम पुत्र नफीस को एटीएस ने गिरफ्तार कर बड़ा राजफाश किया था। नदीम जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन से जुड़ा था। वह पाकिस्तान से भेजी गई एक पीडीएफ फाइल के जरिए आतंकी ट्रेनिंग ले रहा था और फिदायीन हमला कैसे करना है। यह सब जानकारी ले रहा था। जल्द ही नदीम किसी स्थान पर फिदायीन हमला करने वाला था। नदीम से पूछताछ के बाद ही फतेहपुर जिले की शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सैय्यदबाडा निवासी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को गिरफ्तार किया है।
पाकिस्तान से मिले थे निर्देश
सैफुल्ला ने भी स्वीकार कर लिया है कि वह नदीम को जानता है। नदीम ने भी कबूल किया था और अब सैफुल्ला ने भी कबूल किया है कि पाकिस्तान से उन्हें निर्देश मिले थे कि उन्हें भारत में और आतंकी बनाने हैं। अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा करना है। बिहार तक फैला है दोनों का नेटवर्कबता दें कि नदीम के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे की जांच देवबंद एटीएस प्रभारी सुधीर उज्जवल को सौंपी गई है। जांच में सामने आया है कि नदीम का नेटवर्क बिहार तक फैला हुआ है। फतेहपुर से पकड़ा गया सैफुल्ला भी मूल रूप से बिहार राज्य के जिले मोतिहारी के गांव अधकपरिया थाना रामगढ़वा का रहने वाला है। सैफुल्ला के जरिए ही नदीम ने बिहार के भी युवकों से संपर्क किया था। अब एटीएस देवबंद यूनिट कभी भी बिहार में छापेमारी कर और युवकों को पकड़ सकती है।