मौसम अनुकूल...निगम का रवैया प्रतिकूल, मेरठ में बंदर पकड़वाने की योजना का यह है सच
मेरठ में बंदरों के झुंड लोगों पर हमले कर रहे हैं। लोग बंदर पकड़वाने की मांग निगम से कर रहे हैं। जनसुनवाई पोर्टल में भी शिकायतें की जा रही हैं। वर्तमान में बंदर पकडऩे के अनुकूल मौसम भी है। लेकिन निगम का रवैया प्रतिकूल बना हुआ है।
मेरठ, जेएनएन। शहर में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। बंदरों के झुंड लोगों पर हमले कर रहे हैं। लोग बंदर पकड़वाने की मांग निगम से कर रहे हैं। जनसुनवाई पोर्टल में भी शिकायतें की जा रही हैं। वर्तमान में बंदर पकडऩे के अनुकूल मौसम भी है। लेकिन निगम का रवैया प्रतिकूल बना हुआ है।
यह है मामला
दरअसल, नगर निगम ने मथुरा के कांट्रैक्टर जावेद से अनुबंध किया था। ठेकेदार ने जून में शहर के मेडिकल कालेज, गढ़ रोड बस स्टैंड, गांधी आश्रम से बंदर पकड़कर वन विभाग के निर्देशानुसार सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा था। मेरठ से सहारनपुर शिवालिक वन क्षेत्र तक बंदरों को ङ्क्षपजड़े में बंद कर ले जाने में पांच से छह घंटे का समय लग रहा था। गर्मी भी अत्यधिक थी। जिससे वन विभाग के 36 प्रतिबंधों का पालन करने में ठेकेदार ने असमर्थता जताई थी।जिसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त डा. अरङ्क्षवद चौरसिया ने बंदर पकड़वाने के अभियान को यह कहते हुए स्थगित कर दिया था कि मौसम अनुकूल होने पर बंदर पकड़वाए जाएंगे। अब, मौसम सामान्य हो गया है। ठेकेदार जावेद ने बताया कि ङ्क्षदसबर से फरवरी तक बंदरों को पकड़कर सहारनपुर शिवालिक वन क्षेत्र में पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन नगर निगम की ओर से दोबारा यह अभियान कब शुरू होगा। अभी तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।
इन्होंने बताया...
इस संबंध में नगर आयुक्त से बात करेंगे। वन विभाग से बंदर पकडऩे की अनुमति लेनी होगी। नगर आयुक्त से अनुमति मिलते ही ठेकेदार को कार्यादेश जारी
किया जाएगा। यह बात सही है कि बंदरों से लोग परेशान हैं। शिकायतें भी आ रही हैं।
- डा. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।