मेरठ से ओमान में हुई टेरर फंडिंग, कारोबारी से पूछताछ में खुला राज
मेरठ। मेरठ से टेरर फंडिंग का शक धीरे-धीरे हकीकत में बदलता नजर आ रहा है। एनआइए द्वारा मेरठ से
मेरठ। मेरठ से टेरर फंडिंग का शक धीरे-धीरे हकीकत में बदलता नजर आ रहा है। एनआइए द्वारा मेरठ से उठाए गए कारोबारी से पूछताछ में नई परतें खुलती जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो कारोबारी की तरफ से ओमान में फंडिंग की गई है। फंडिंग किस खाते में की गई, एनआइए इसकी पड़ताल में जुट गई है। इसके अलावा मेरठ व आस-पास के जिलों के कुछ अन्य लोग भी एनआइए की रडार पर आए हैं। जिन पर जल्द शिकंजा कसा जा सकता है।
गौरतलब है कि तीन फरवरी को एनआइए की टीम ने मुजफ्फरनगर के भगत सिंह रोड स्थित अरिहंत ज्वैलर्स के मालिक आदीश जैन और अंकित ज्वैलर्स के मालिक दिनेश गर्ग के यहां छापा मारा था। दोनों कारोबारी से पूछताछ में सामने आया था कि उनका आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन है। छापेमारी में दिनेश गर्ग के यहां से 15 लाख नकद, नोट गिनने की मशीन, एक पिस्टल, कारतूस और चार मोबाइल मिले थे। वहीं, आदिश जैन के घर से 32 लाख कैश, चीन में निर्मित पिस्टल, लैपटॉप और कई मोबाइल मिले थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों ने मेरठ के एक कारोबारी का नाम भी लिया। जिसके बाद एनआइए की टीम ने चार दिन पहले मेरठ के छीपी टैंक मोहल्ले में दबिश देकर कारोबारी को उठा लिया।
एनआइए आतंकी कनेक्शन की जांच के लिए कारोबारी से पूछताछ कर रही है। अब तक की जांच में कारोबारी और आतंकियों के बीच संबंध के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं लेकिन, कारोबारी की तरफ से ओमान के एक खाते में मोटी रकम भेजी गई है। सूत्रों के मुताबिक एनआइए को अभी तीन ट्रांजक्शन मिली हैं। तीनों बार में कितना पैसा भेजा गया है, इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई है। बता दें कि कारोबारी का अमेरिका, सऊदी अरब, जापान आदि देशों में व्यापार है।