टर्म-टू : गलत सवाल पर नहीं कटेंगे पूरे अंक, हर स्टेप तैयार करें
इस सत्र की पहली बोर्ड परीक्षा यानी टर्म-वन समाप्त हो गई। अब दूसरी बोर्ड परीक्षा यानी टर्म-टू की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए स्कूलों शिक्षकों और परीक्षार्थियों के पास तकरीबन 60 दिनों का समय ही शेष है।
मेरठ, जेएनएन। इस सत्र की पहली बोर्ड परीक्षा यानी टर्म-वन समाप्त हो गई। अब दूसरी बोर्ड परीक्षा यानी टर्म-टू की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए स्कूलों, शिक्षकों और परीक्षार्थियों के पास तकरीबन 60 दिनों का समय ही शेष है। इस दौरान 50 फीसद सिलेबस पढ़ाना, पढ़ना, रिवीजन करना और एक या दो प्री-बोर्ड भी आयोजित होने हैं। टर्म-टू तैयारी पूरी तरह से अलग होगी। यहां उत्तर विस्तृत होंगे। पढ़ाई भी विस्तृत होगी। लिखना भी खूब पड़ेगा। उत्तर के मूल्यांकन में स्टेप-मार्किंग होगी। यानी उत्तर जहां तक सही वहां तक के अंक मिलेंगे।
टर्म-वन की कमी को टर्म-टू में करें पूरा
हर परीक्षार्थी को उसके टर्म-वन परीक्षा का रिजल्ट पता है। सीबीएसई भी जनवरी में रिजल्ट जारी करेगा। 50 फीसद सिलेबस जा चुका है। आधा ही शेष है। अब पहले टर्म की कमी दूसरे टर्म में पूरा करने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जरूरत होगी। टर्म-टू परीक्षा मार्च के दूसरे पखवाड़े से अप्रैल के पहले पखवाड़े के बीच होगी। इस दौरान सिलेबस पूरा करने के साथ ही स्कूलों में सभी इंटर्नल असेसमेंट और एक या दो प्री-बोर्ड भी देना होगा। यह आसान नहीं होगा। स्कूलों, शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को संयुक्त रणनीति बनानी होगी
मजबूत चुनौतियों का करना है सामना
टर्म-टू परीक्षा तीन घंटे की होगी। पूरे समय पेन से लिखना पड़ेगा। विस्तृत उत्तरीय होगी। छोटे-बड़े हर तरह के उत्तर लिखने होंगे। 10वीं व 12वीं के अधिकतर छात्रों ने पिछली लिखित परीक्षा मार्च 2020 में दी थी। पिछले डेढ़ सालों में अधिकतर परीक्षा एमसीक्यू हुई। लिखने का अभ्यास छूट गया है। एक घंटे भी छात्र-छात्राएं लिखने में थक जा रहे हैं। आनलाइन क्लास में ध्यान से पढ़ना व सुनना सीखे लेकिन लिखने की आदत छूट गई। इस चुनौती का सामना छात्रों को स्कूल से लेकर घर तक करना होगा।
स्टेप आधारित तैयारी करें
सेंट मेरीज एकेडमी के सीनियर कोआर्डिनेटर सैय्यद बी. करीम के अनुसार काउंसिल की टर्म-टू परीक्षा का पेपर आब्जेक्टिव के साथ सब्जेक्टिव प्रश्न भी होंगे। निर्धारित सिलेबस ही पढ़ना है इसलिए दबाव लिए बिना तैयारी करें। स्टेप मार्किंग को ध्यान में रखकर तैयारी करें। जितना संभव हो लिखने का अभ्यास करेर करें। सिलेबस और माडल पेपर सभी छात्रों को दिए जा चुके हैं।
तीसरी लहर की अपेक्षा में न छोड़ें पढ़ाई
मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स के सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देख छात्र-छात्राएं तीसरे लहर की अपेक्षा में तैयारी न छोड़ें। परीक्षा पर अंतिम समय की स्थिति पर निर्णय होगा। यदि पहले से तैयारी नहीं हुई तो परीक्षा में प्रदर्शन खराब होगा।