लखनऊ से आई टीम ने खंगाला, कहां से आया स्वाइन फ्लू का वायरसMeerut News
मेरठ के पीएसी छठी बटालियन में दो दिन पहले 19 जवानों में स्वाइन फ्लू का संक्रमण मिला। मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को भर्ती किया गया है।
मेरठ, जेएनएन। स्वाइन फ्लू के संक्रमण की वजह जानने लखनऊ से आई टीम ने रविवार दिनभर होमवर्क किया। टीम ने पीएसी परिसर पहुंचकर संक्रमण पर रिपोर्ट बनाई। जिला अस्पताल में मरीजों के भर्ती और इलाज की व्यवस्था का निरीक्षण किया। गांवों में मरीजों के घर जाकर संक्रमण की कड़ियों को जोड़ने का भी प्रयास किया। टीम पता लगाएगी कि प्रदेशभर में सबसे ज्यादा मरीज मेरठ में क्यों मिले?
मेरठ के पीएसी छठी बटालियन में दो दिन पहले 19 जवानों में स्वाइन फ्लू का संक्रमण मिला। मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को भर्ती किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में एक स्थान से मरीज मिलने पर शासन ने संयुक्त निदेशक स्वास्थ डा. एसके अग्रवाल, डा. पंकज सक्सेना एवं एपिडमोलॉजिस्ट राजेश सिंह को शनिवार को मेरठ भेजा। टीम ने शनिवार के बाद रविवार को भी नगर में डेरा डाला। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि टीम ने पीएसी परिसर का निरीक्षण कर 35 और जवानों को टेमीफ्लू दी। इसके साथ ही कैंपस में अब तक 518 लोगों को दवा दी जा चुकी है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल के सीएमएस डा. पीके बंसल से मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की।
गांव के मरीजों तक पहुंची टीम
लखनऊ की टीम स्वाइन फ्लू के मरीजों की हिस्ट्री जानने के लिए उनके घर भी पहुंची। टीम ने मरीजों एवं परिजनों से पूछताछ कर संक्रमण के कारणों की जानकारी ली। एक दिन पहले ही शाम को सभी 12 सीएचसी प्रभारियों के साथ टीम ने बैठक कर उन्हें स्वाइन फ्लू के मरीज के इलाज और व्यवस्था की जानकारी दी। कहा कि हर मरीज में संक्रमण कहां से पहुंचा, इसकी कड़ी जरूर तलाशनी चाहिए। उधर रविवार को एक और मरीज मिलने संख्या 78 तक पहुंच गई। अब तक 12 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिसमें 9 मेरठ के है।
स्वस्थ खानपान ही सेहत की गारंटी
आयुर्वेद के मानकों पर परखें तो रसोई ही सेहत की सुरक्षा कवच है। मसालों में भरपूर औषधीय गुण हैं, जबकि मौसम के मिजाज के मुताबिक खानपान में थोड़ा बदलाव से सेहत को बड़ा फायदा होगा। इस मौसम के खानपान से कई बार पित्त बढ़ जाता है। दो ऋतुओं का संधिकाल होने से तापमान में अचानक अंतर आता है जिससे संक्रमण बढ़ता है।
होमियोपैथी भी है कारगर
एन्फ्लुएंजा वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहिए। इसके लिए एंन्फ्लुएंजिनम-30 की एक डोज रोज तीन दिनों तक लें। जेल्सिमियम-30, आर्सेनिकम एल्बम-30 और ब्रायोनिया 30 भी बेहतर दवाएं हैं। ये वायरस के प्रति भरपूर प्रतिरक्षा देती हैं।
डा. विनोद द्विवेदी, होमियोपैथिक चिकित्सक, जिला अस्पताल
स्वाइन फ्लू से कतई न डरें। ये सिर्फ शुगर, हार्ट, किडनी, टीबी, कैंसर के मरीजों व गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गो के लिए ज्यादा खतरनाक है। जवानों में तेज खांसी, खून आना, सांस फूलना शुरू हो तो तत्काल डाक्टर को दिखाएं। बीमारी का जल्द पता लगे तो एंटीवायरल टेमीफ्लू कारगर दवा है। गुनगुना पानी, सूप और तरल खानपान लें। ज्यादातर मरीज पांच से सात दिन में ठीक हो जाते हैं। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है वो वैक्सीन लगवाएं।
डा. वीएन त्यागी, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
लखनऊ की टीम साथ लाई 20 हजार टेमीफ्लू
संचारी रोग विभाग से आई टीम साथ में 20 हजार टेमीफ्लू लाई थी। सीएमओ ने इतने ही टेबलेट की और मांग की है। साथ ही मास्क भी मंगाया गया है। पैरामेडिकल स्टाफ को एच1एन1 की वैक्सीन लगा दी गई है।
एक जवान से अस्पताल में मिलकर संक्रमित हुए सभी
पीएसी के जवानों में संक्रमण की कड़ी को काफी हद तक तलाश लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि एक जवान में गत दिनों एच1एन1 पाजिटिव आया। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां मरीज से मिलने जवान पहुंचते रहे। ये सभी वायरस से संक्रमित हो गए।
ये आजमाएं.. सेहत रहेगी दुरुस्त
फ्लू के प्रभाव वाले मौसम में दिनभर गुनगुना पानी लें। ये गले में संक्रमण और सूजन को ठीक करेगा।
सुबह जल्दी उठें। दूध, दलिया, पोहा, सूजी की खीर, भुने हुए चने, किसमिस से दिन का आगाज करें। चाय में कड़ी अदरक व लौंग लें।
दो घंटे बाद दो चपाती, लौकी, तरोई की सब्जी के साथ लें। मसूर की दाल बहुत लाभकारी है। चने की दाल, सोयाबीन, साबूदाना व सूजी ले सकते हैं। पापड़ को भूनकर लें। तलकर नहीं।
दोपहर के भोजन में चावल, चपाती, दाल, पपीता की सब्जी, पपीता का फल, चीकू का फल काला नमक के साथ लें।
शाम को अंकुरित दाल, ब्रेड, बिस्कुट, मूंग की नमकीन में से कुछ ले सकते हैं।
रात्रि का भोजन हल्का लें। दो चपाती, मूंग की दाल, लौकी के साथ लें। गाय का दूध गुड़ में मिलाकर लें।
ये न खाएं
कफ प्रधान ऋतु में दही, संतरा, खट्टी चीजें व रात में फल न लें।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं-रोज एक अखरोट लें। दो ग्राम दालचीनी, खरबूजे की गिरी व मखाना। बुखार हो तो महाशंखवटी व सुदर्शन बटी साथ लें।
योग से बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता
योग विशेषज्ञ राजीव करनावल ने बताया कि प्राणायाम फेफड़ों की ताकत बढ़ाता है, जिससे निमोनिया से लड़ने में मदद मिलती है। भ्रस्तिका, कुंभक क्रियाएं-सांस अंदर लेकर रोकना..फिर बाहर निकालना। छाती को मजबूत बनाने के लिए बंद लगाना फायदेमंद है। कुशल मार्गदर्शक की निगरानी में मूलबंद, जालंधर बंद और उउ्डयन बंद मिलाकर महाबंद बनता है, जो इम्यूनिटी को बेहद मजबूत बनाता है।