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मेरठ में लजीज पनीर टिक्‍का, चाट, छोले कुल्‍चों का इन स्‍थानों पर उठाएं जायका

मेरठ शहर में अगर आपको फास्टफूड की तर्ज पर कुछ खाने की ललक हो और आप किसी रेस्टोरेंट में जाने से भी बचना चाह रहे हों। तो शहर में कई ठिकाने ऐसे हैं जहां पर आप तरह तरह के लजीज खाने के आयटम से पेट पूजा कर सकते हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 11:00 PM (IST)
मेरठ में लजीज पनीर टिक्‍का, चाट, छोले कुल्‍चों का इन स्‍थानों पर उठाएं जायका
मेरठ में इन स्‍थानों पर उठाएं लजीज आयटम का जायका।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ शहर में अगर आपको फास्टफूड की तर्ज पर कुछ खाने की ललक हो और आप किसी रेस्टोरेंट में जाने से भी बचना चाह रहे हों। तो शहर में कई ठिकाने ऐसे हैं जहां पर आप तरह तरह के लजीज खाने के आयटम से पेट पूजा कर सकते हैं। वैसे घुम्मक्कड़ी प्रवृति के लोगों का मानना है कि अगर आपको किसी शहर के बारे जानना है तो वहां सड़कों के किनारे लगने खोमचे अर्थात अस्थायी कहे जाने वाले ठीहों पर जरूर जाना चाहिए। वहां पर खाने पीने के साथ लोगों आपसी बातचीत से आपको शहर के मिजाज का भी अंदाजा लगेगा। जहां तक मेरठ का सवाल है तो कुछ ऐसे जगहों के बारे में हम आपको बताते हैं।

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सदर शिव चौक

यहां पर डेरावाल के नाम से चाट की दुकान है। मेन चौराहे पर होने के कारण यहां पर खासी भीड़ शाम को जमा होती है। इसके आसपास चिल्ला और दही भल्ले के खोमचे भी लगते हैं। इसके कुछ दूरी पर चाट बाजार है।

सूरज कुंड पार्क

यह आठ दस वर्ष पूर्व विकसित स्ट्रीट वेंडर हैं। यहां पर आपको चाइनीज, दक्षिण भारतीय, पनीर टिक्का, चाट आदि के खोमचों पर शाम होते ही भीड़ जमा नजर आने लगेगी। दिन में कचौड़ी, छोले कुल्चे, कढ़ी चावल, वेज बिरियानी के स्टाल लगते हैं। दोपहर में आसपास दुकानों, स्पोर्र्टस फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग पेट पूजा करने आते हैं। शाम होते ही बच्चों को लेकर फास्ट फूड का जायका लेते महिलाओं और पुरुषों को देखा जा सकता है।

जिमखाना मैदान

जिमखाना मैदान के पास भी फास्ट फूड का बाजार सूरजकुंड की तरह शाम को सजता है। बुढ़ाना गेट चौपले से पहले कांप्लेक्स में चाट की कई दुकानें हैं। शाम होते यहां भी भारी भीड़ जुटती है।शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में कई चाट और फास्ट फूड के ठेले शाम होते ही लग जाते हैं। यहां पर रेट अन्य जगहों के मुकाबले ज्यादा हैं। इसके अलावा घंटाघर पर दूध, लस्सी, रबड़ी, और रसमलाई जैसे पारंपरिक मिष्ठान्नों की कई दुकानें हैं। जो देर रात तक गुलजार रहती हैं।


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