तापमान बढ़ने से ढीले पड़ गए स्वाइन फ्लू के तेवर
मार्च महीने में अब तापमान के बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू के तेवर भी ढीले पड़ गए हैं। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि मार्च के अंत तक इसके मरीज आते रहेंगे।
By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 12:01 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 12:01 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। इस साल स्वाइन फ्लू के वायरस ने बड़ी संख्या में लोगों को चपेट में लिया। 2017 के रिकार्ड के आसपास पहुंचने के बाद आखिरकार एच1एन1 वायरस के तेवर नरम पड़ने लगे हैं। सप्ताहभर की रिपोर्ट खंगाले से पता चलता है कि मेडिकल कॉलेज की जांच लैब में सैंपल का लोड घटा है। साथ ही रोजाना मरीजों की संख्या भी पांच से सात के बीच मिल रही है। हालांकि प्रदेश में लखनऊ के बाद सर्वाधिक मरीज मेरठ में मिले हैं।
मार्च के अंत तक आ सकते हैं मरीज
मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने रविवार को 12 सैंपल की जांच की, जिसमें पांच में एच1एन1 की पुष्टि हुई। जनवरी से अब तक मेडिकल में 1623 सैंपल में से 563 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक रोजाना दस से ज्यादा मरीज मिल रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या पांच से सात के बीच सिमट गई। माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि सर्दी का मौसम लंबा खिंचने से वायरस अब तक सक्रिय है। मार्च के अंत तक मरीज आ सकते हैं, लेकिन संख्या लगातार घटी है।
ऐसा है तो घर पर रहें
मार्च के अंत तक आ सकते हैं मरीज
मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने रविवार को 12 सैंपल की जांच की, जिसमें पांच में एच1एन1 की पुष्टि हुई। जनवरी से अब तक मेडिकल में 1623 सैंपल में से 563 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक रोजाना दस से ज्यादा मरीज मिल रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या पांच से सात के बीच सिमट गई। माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि सर्दी का मौसम लंबा खिंचने से वायरस अब तक सक्रिय है। मार्च के अंत तक मरीज आ सकते हैं, लेकिन संख्या लगातार घटी है।
ऐसा है तो घर पर रहें
- हल्का बुखार, कफ, गले में खराश, बदन दर्द, डायरिया वाले मरीजों की जांच जरूरी नहीं है। ये घर पर रहें। 24 से 48 घंटे में जांच कराएं।
- तेज बुखार और गले में भारी खराश हो तो घर में ही टेमीफ्लू देना चाहिए। स्वाइन फ्लू की जांच जरूरी नहीं है।
- ठोस वस्तु न छुएं
- छींकने वाले से दूर रहें। किसी टेबल, दरवाजे, हैंडल या ठोस वस्तु को न छुएं।
- हल्दी, लहसुन, अदरक और विटामिन सी युक्त फल खाएं। इससे वायरस कमजोर पड़ेगा।
- गुनगुने दूध में कच्ची हल्दी घोलकर लें। यह शरीर में सूजन घटाने के साथ ही हर प्रकार के संक्रमण से मुकाबला करेगी।
- दही, पनीर, दाल, सोयाबीन व मीट खाएं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
- प्राणायाम से निमोनिया का खतरा कम होगा।
- गिलोय, तुलसी, काली मिर्च, सोंठ का काढ़ा पीएं। यह वायरल संक्रमण से बचाएगा।
- एच1एन1 वायरस हवा में देर तक जिंदा रहता है। दिन में कई बार हाथ धोएं।
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