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पड़ोस तक पहुंच गया स्‍वाइन फ्लू, ये सावधानियां कर सकती हैं आपका बचाव

नोएडा में तीन दिन पहले एच1एन1 से संक्रमित मरीज की जान चली गई। मेरठ में इसका डर सता रहा है। कुछ सावधानियां बरतकर आप इससे बच सकते हैं।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 02:09 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 02:23 PM (IST)
पड़ोस तक पहुंच गया स्‍वाइन फ्लू, ये सावधानियां कर सकती हैं आपका बचाव
पड़ोस तक पहुंच गया स्‍वाइन फ्लू, ये सावधानियां कर सकती हैं आपका बचाव

मेरठ (जेएनएन)। शहर को डेंगू का डंक लग चुका है। स्वाइन फ्लू ने भी मंडल में दस्तक दे दी है। नोएडा में तीन दिन पहले एच1एन1 से संक्रमित मरीज की जान चली गई। विषाणु विज्ञानियों की मानें तो इस मौसम में वायरल का डबल अटैक हो सकता है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए 15 हजार टेमीफ्लू टेबलेट को स्टाक से बाहर निकाल लिया है।

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असर खो चुकी वैक्‍सीन

वायरोलोजी विशेषज्ञ डा. अमित गर्ग का कहना है कि स्वाइन फ्लू का वायरस सर्दियों में संक्रमित होता है, किंतु पिछले वर्ष 2017 में एच1एन1 वायरस जून की तपती गर्मियों में उफना। पिछले वर्ष की वैक्सीन शरीर में असर खो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के सामने एच1एन1 के नए स्ट्रेन के मुताबिक वैक्सीन बनाने की चुनौती है। महाराष्ट्र और गुजरात के बाद पंजाब एवं यूपी में एच1एन1 वायरस पहुंचने से साफ है कि वायरस देश में कहीं भी संक्रमित हो सकता है।

पिछले वर्ष मिले रिकार्ड मरीज

2017 जून से 2018 फरवरी तक प्रदेश में सर्वाधिक मरीज मेरठ में मिले थे। आधा दर्जन राज्यों के साथ मेरठ मंडल में एच1एन1 संक्रमण की पुष्टि के बाद लैबों पर जांच का लोड बढ़ रहा है। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी व समान लक्षणों वाले मरीजों में स्वाइन फ्लू की आशंका हो सकती है।

विभाग के पास 15000 टेबलेट टेमीफ्लू

सीएमओ ने बताया कि विभाग सतर्क है। 15 हजार टेबलेट व बड़ी मात्र में मास्क ड्रग स्टोर से निकाल लिए हैं। हालांकि इस बार स्टाफ के लिए वैक्सीन नहीं मिल पाई है।

यह मौसम वायरस के लिए उपयुक्‍त

सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि यह मौसम एच1एन1, डेंगी समेत सभी प्रकार के वायरस के संक्रमण के लिए उपयुक्त है। मेरठ की घनी आबादी एवं प्रदूषण के बीच बीमारियां तेजी से पनपती हैं। खांसी व छींक पर रूमाल का प्रयोग करें तो स्वाइन फ्लू संक्रमण का खतरा 60 कम हो सकता है।

आयुर्वेद में है उपचार

आयुर्वेदाचार्य डा. ब्रज भूषण शर्मा ने बताया कि अथर्ववेद में 121 प्रकार के ज्वर हैं, जिसमें स्वाइन फ्लू के भी निदान का अचूक उपाय बताया गया है। तुलसी पत्र, नीम पत्र, गिलोय एवं पीपल की पांच-पांच पत्तियों का काढ़ा पिएं, जिससे प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी। मखमल के कपड़े का मास्क पहनें। 


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