दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने पत्नी को जलाने के आरोपित बागपत निवासी पति और सास को पकड़वाया
बागपत जिले के तमेलागढ़ी गांव में गत 20 मई को महिला को पेट्रोल छिड़ककर जलाने का मामला सामने आया था। महिला के मामा ने पति सास और ननद के खिलाफ मुकदमा कराया था। महिला का सफदरगंज अस्पताल दिल्ली में उपचार चल रहा है।
बागपत, जागरण संवाददाता। दो दिन पहले पेट्रोल छिड़ककर पत्नी को जलाने वाले पति और सास को सफदरगंज, दिल्ली अस्पताल में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस के हाथ पकड़वा दिया। दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपितों को दोघट पुलिस के सुपुर्द कर दिया। दोघट पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। महिला आयोग की अध्यक्ष का आरोप है कि 90 प्रतिशत जली अवस्था में पत्नी उपचार करा रही हैं, लेकिन आरोपित पति उस पर बयान न देने का दबाव बनाने के लिए अस्पताल में डेरा डाले हुए था।
यह है मामला
तमेलागढ़ी गांव में 20 मई की शाम तिरसपाल पर आरोप लगा था कि उसने अपनी पत्नी मनु को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया है। मनु के मामा बाबूराम ने तिरसपाल के साथ मनु की सास फूलमती और ननद बबीता के खिलाफ भी मुकदमा कराया था। मनु का चिंताजनक हालत में सफदरगंज अस्पताल, दिल्ली में उपचार चल रहा है। रविवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सफदरगंज अस्पताल में मौजूद मनु के पति तिरसपाल और सास फूलमती को दिल्ली पुलिस के हाथ पकड़वा दिया।
दिल्ली के अस्पताल पहुंची बागपत पुलिस
सूचना पर दोघट थाना पुलिस दिल्ली अस्पताल में पहुंची, तो दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपितों को दोघट पुलिस को सौंप दिया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अपने ट्वीटर पर वीडियो के साथ पोस्ट डाली, जिसमें लिखा कि "बागपत में पत्नी को पेट्रोल से 90 प्रतिशत जलाने के बाद उसका पति दबंगई से सफदरगंज अस्पताल में अपनी पत्नी को बयान न देने के लिए धमकाता था। एफआरआर दर्ज होने के बाद भी यूपी पुलिस ने अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया। हमने अपराधी को पकड़वाकर दिल्ली पुलिस को सौंपा।' उसके बाद बागपत पुलिस ने ट्वीटर पर स्वाति मालीवाल को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने और गिरफ्तारी की सूचना दी। इंस्पेक्टर दोघट जनक सिंह चौहान ने बताया कि दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से महिला के पति तिरसपाल व सास फूलमती को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
बागपत पुलिस पर उठे सवाल
आरोपित पति व सास को जब दिल्ली पुलिस ने पकड़कर थाना दोघट पुलिस को सौंपा, तो बागपत पुलिस पर सवाल उठे कि आरोपितों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। आरोपित दुस्साहस करते हुए दिल्ली तक पहुंच गए। दोघट पुलिस को भनक तक भी नहीं लग सकी।