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पाकिस्तान में इंटरनेट कॉल पर बात करता था चांद, ATS खंगाल रही कुंडली Meerut News

Anti Terrorism Squad ने मोहम्मद चांद को भले ही छोड़ दिया हो इसके बाद भी खुफिया विभाग चांद की निगरानी कर रहा है। उसकी कुंडली खंगाली जा रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 10:35 AM (IST)
पाकिस्तान में इंटरनेट कॉल पर बात करता था चांद, ATS खंगाल रही कुंडली Meerut News
पाकिस्तान में इंटरनेट कॉल पर बात करता था चांद, ATS खंगाल रही कुंडली Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Anti Terrorism Squad एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने मोहम्मद चांद को भले ही छोड़ दिया हो, इसके बाद भी खुफिया विभाग चांद की निगरानी कर रहा है। उसके परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है। पड़ताल में सामने आया है कि चांद पाकिस्तान में ज्यादातर इंटरनेट कॉल पर बातचीत करता था। उसकी सप्ताह में चार से पांच बार रात के समय बात होती थी।

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चांद की बातों पर नहीं हो रहा यकीन

मंगलवार को एटीएस के इंस्पेक्टर परमेंद्र कुमार और एसआइ सचिन कुमार ने देहलीगेट के बारीवाली गली पूर्वा फय्याज अली निवासी चांद पुत्र यासीन को सोतीगंज से पकड़ था। जांच में सामने आया कि वह सबसे ज्यादा बातचीत इंटरनेट कॉल के माध्यम से ज्यादातर रात में कर रहा था। पूछताछ में चांद ने एटीएस को बताया कि पाकिस्तान के मुलतान सिटी में उसके चाचा यामीन की बेटी और बुआ रहती है। उनके परिवार से ही वह बातचीत करता है। चांद के बयानों पर खुफिया विभाग यकीन नहीं कर रहा है।

मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल

फिलहाल चांद को परिवार की सुपुर्दगी में दे दिया था। इसके बावजूद भी खुफिया विभाग चांद के परिवार पर नजर गड़ाए है। पूरे परिवार के मोबाइल नंबरों की डिटेल पुलिस ने निकाली है, देखा जा रहा है कि परिवार का कौन-कौन सदस्य पाकिस्तान में बातचीत कर रहा है। एक साल पहले भी चांद का पाकिस्तान में मोबाइल सिम क्यों चल रहा था? इसकी पड़ताल भी दोबारा से की जा रही है, जबकि उस समय चांद को अलर्ट किया गया था। इसके बाद उसने सिम को बंद करा दिया था।

पाकिस्तान से भी आ रहे हैं वाट्सएप मैसेज

एटीएस ने जब चांद के मोबाइल को चेक किया तो पता चला है कि वह पाकिस्तान के कई वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हुआ है। इनके एडमिन भी पाकिस्तान के हैं। उक्त ग्रुप पर कोई संदिग्ध गतिविधि एटीएस को नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप पर ज्यादातर मैसेज उर्दू में लिखे थे। उक्त सभी मैसेज का एटीएस ने स्क्रीन शार्ट ले लिया था, जिन्हें उर्दू अनुवादक से पढ़वाया गया।  


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