सैर-सपाटे में कितनी है मेरठ की दिलचस्पी
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मेरठ के लोग स्वयं अथवा परिवार के लिए कितना समय निकाल पाते हैं? उनकी सैर-सपाटे में कितनी रुचि है ? वह स्वयं कहीं साल में कुछ दिनों के लिए घूमने फिरने के लिए जाते हैं और परिवार को भी साथ ले जाते हैं ? उनका पूरा साल यूं ही रोजी रोटी की तलाश में निकल जाता है।
मेरठ, जेएनएन। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मेरठ के लोग स्वयं अथवा परिवार के लिए कितना समय निकाल पाते हैं? उनकी सैर-सपाटे में कितनी रुचि है ? वह स्वयं कहीं साल में कुछ दिनों के लिए घूमने फिरने के लिए जाते हैं और परिवार को भी साथ ले जाते हैं ? उनका पूरा साल यूं ही रोजी रोटी की तलाश में निकल जाता है। यह रोचक जानकारी हमें साल के अंत तक मिलेगी। मेरठ के नागरिकों से इस बारे में नेशनल सैंपल सर्वे के तहत ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसका विषय घरेलू यात्रा व घरेलू पर्यटन है। इसी जनवरी से यह सर्वे किया जा रहा है। जिले में 32 यूनिटों का सर्वे होना था। इसमें 20 शहरी क्षेत्र व 12 ग्रामीण क्षेत्र की यूनिट शामिल की गई हैं। कोरोना के चलते गत अप्रैल से जून तक कार्य बाधित रहा। इस कारण सर्वे के लिए यूनिटों की संख्या 32 से घटाकर अब 24 कर दी गई हैं। 15 शहरी व नौ ग्रामीण क्षेत्र की हैं। एक यूनिट में 150 से लेकर दो सौ परिवारों को शामिल किया है।
नेशनल सैंपल सर्वे के तहत डीएसटीओ आफिस की टीमें चिह्नित किए गए क्षेत्र में घर-घर जाकर परिवारों को पंजीकृत करती हैं। उनका ब्योरा जुटाया जाता है। सर्वे के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि हर श्रेणी का परिवार उसमें शामिल रहे। अंत में परिवारों का चयन रेंडम आधार पर किया जाता है। अपर जिला सांख्यिकी अधिकारी सुनीत भाटी का कहना है कि अभी नेशनल सर्वे चल रहा है। दिसंबर अंत तक सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा। परिणाम सामने आने पर ही यह पता चलेगा कि मेरठ के लोगों की कितनी रुचि घरेलू यात्रा व घरेलू पर्यटन में है। उनका भी मानना है कि सर्वे में रोचक परिणाम आएगा।