सुहेल और गाजिया भी जला रहे देववाणी का दीया
विवेक राव मेरठ। हमने फारसी और अरबी तो सीखी लेकिन गलती यह रही कि संस्कृत से वंचित रह गए।
विवेक राव, मेरठ। हमने फारसी और अरबी तो सीखी लेकिन गलती यह रही कि संस्कृत से वंचित रह गए। भारतीय संस्कृति को समझने के लिए हमें संस्कृत भी पढ़नी चाहिए थी'। मतलब, यदि मुस्लिम समाज के लोगों ने संस्कृत का भी अध्ययन किया होता तो भारतीय संस्कृति को और गहराई से समझना मुमकिन था। पिछले दिनों बकरीद पर शाही ईदगाह से एक उलेमा के ये उद्गार इस बात की तस्दीक हैं कि देववाणी में कुछ खासियत है। उनकी सोच बेजा नहीं है। हकीकत में मुस्लिम युवक-युवतियों की भी सोच बदल रही है। संस्कृत में स्नातक और परास्नातक कर रहे युवा इसका प्रमाण हैं। संस्कृति के इस यज्ञ में बदलाव की समिधा तो है ही, रोजगार का मंत्र भी छिपा है।
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में पहले एमए संस्कृत में एक भी मुस्लिम विद्यार्थी नहीं हुआ करता था। पिछले कुछ साल से मुस्लिम छात्र-छात्राएं बीए और एमए संस्कृत में प्रवेश ले रहे हैं। मेरठ कॉलेज और इस्माईल कॉलेज में इस बार भी मुस्लिम छात्रों ने संस्कृत में प्रवेश लिया है।
ऐसे हो रहा संस्कृत से लगाव
मेरठ में संस्कृत भारती संस्था संस्कृत के लिए काम कर रही है। संस्कृत के पत्राचार कोर्स के साथ-साथ इसके शिविरों में भी मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने रुचि दिखाई है। सरधना में संस्कृत भारती से जुड़ी ज्योति मुस्लिम लड़कियों को संस्कृत बोलने का प्रशिक्षण दे रही हैं। यहां से निकले मुस्लिम युवा फर्राटे से संस्कृत बोलते हैं।
मेरठ कॉलेज से एमए संस्कृत प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया, अब पीएचडी करूंगी। संस्कृत में रोजगार है, इसलिए मेरे समुदाय के अन्य छात्र भी इसे पढ़ रहे हैं। संस्कृत पढ़कर ही जाना कि सभी धर्मो में समानता है।
-नाजिम, छात्र
संस्कृत से परास्नातक करने वाले मुस्लिम युवाओं की अल्पसंख्यक कॉलेजों में रोजगार की राह आसान हो जाती है। इससे उनका रुझान इस तरफ बढ़ा है। संस्कृत पढ़ रहे मुस्लिम विद्यार्थी बेहतर अंकों से उत्तीर्ण हो रहे हैं।
-डा. वाचस्पति मिश्र, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान
पिछले साल ऐसी रही स्थिति
पिछले साल मेरठ कॉलेज में एमए संस्कृत में 60 सीटों में से 20 पर प्रवेश हुए थे। इनमें तीन मुस्लिम विद्यार्थी थे। इस्माईल कॉलेज में एमए संस्कृत में 60 सीटों में से 12 पर प्रवेश हुए थे। इनमें तीन छात्राएं मुस्लिम थीं। इस्माईल कॉलेज की प्रिंसिपल डा. नीलिमा बताती हैं कि संस्कृत में कई मुस्लिम छात्राओं ने प्रवेश लिया है।
इस वर्ष एमए (संस्कृत) में प्रवेश की स्थिति
कॉलेज सीट प्रवेश मुस्लिम विद्यार्थी
इस्माईल कॉलेज 60 10 3
मेरठ कॉलेज 60 8 2
एनएएस कॉलेज 60 7 1
आरजी कॉलेज 60 12 0
चौ. चरण सिंह विवि कैंपस 20 2 0
(नोट: अभी प्रवेश प्रक्रिया जारी है।)