चौदह दिन तो छोडि़ए, एक साल में भी नहीं हुआ गन्ना भुगतान Meerut News
गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। अकेले मेरठ मंडल की 16 में से 12 चीनी मिलों पर किसानों का 1277 करोड़ रुपया बकाया है।
मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]। किसानों को 14 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान कराने का भाजपा सरकार का वादा पूरा नहीं हो सका। हकीकत यह है कि चीनी मिलों ने एक साल में भी भुगतान नहीं किया है। बुधवार को मोदीनगर चीनी मिल में पेराई शुरू होने के साथ मंडल में नया पेराई सत्र शुरू हो गया। हालांकि, अभी तक मंडल की किसी अन्य मिल ने पेराई शुरू नहीं की है। मेरठ मंडल की 16 में से 12 चीनी मिलों पर किसानों का 1277 करोड़ रुपया बकाया है।
समय से भुगतान का था वादा
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद किसानों से 14 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान कराने का वादा किया गया। मेरठ मंडल में कुल 16 चीनी मिलों में किसान पांच हजार करोड़ से ज्यादा मूल्य का गन्ना आपूर्ति करते हैं। मिलें गन्ने से चीनी बनाकर बिक्री भी करती हैं, लेकिन किसानों के भुगतान से परहेज करती हैं। पेराई सत्र 2018-19 नवंबर-18 से शुरू होकर मई-19 में बंद हुआ था।
ब्याज का भी प्रावधान
गन्ना अधिनियम के मुताबिक, 14 दिन में गन्ना भुगतान नहीं करने पर मिलों को 14 फीसदी ब्याज भी देना होगा। हाईकोर्ट हर साल ब्याज भुगतान का आदेश देता है लेकिन चीनी मिलें इसे अनदेखा कर देती हैं। किसानों का तर्क है, देरी से भुगतान करने पर मिलों को ब्याज अदा करना चाहिए।
बकाया के यह है हालात
चीनी मिल बकाया (करोड़ में)
मेरठ जनपद
मवाना 159.61
किनौनी 199.44
नंगलामल 40.17
मोहिउद्दीनपुर 33.85
कुल 433.09
गाजियाबाद
मोदीनगर 197.40
हापुड़
सिंभावली 304.31
ब्रजनाथपुर 84.43
कुल 388.74
बागपत
मलकपुर 143.06
बागपत 35.77
रमाला 25.71
कुल 204.56
बुलंदशहर
अनूपशहर 14.25
बुलंदशहर 39.02
कुल 53.27
मेरठ मंडल में कुल बकाया 1277 करोड़
इनका कहना है
चीनी मिलों पर भुगतान का हरसंभव दबाव बनाया जा रहा है। मिलें स्टॉक की चीनी बेचकर नियमानुसार किसानों को 85 फीसदी धनराशि का भुगतान कर रही हैं। ब्याज भुगतान पर निर्णय सरकार के स्तर से लिया जाएगा।
- राजेश मिश्रा, उपायुक्त गन्ना विकास विभाग