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Netaji Subhash Cahndra Jayanti 2021: कभी न देखी होगी नेताजी की मुस्कुराती हुई ये दुर्लभ तस्वीरें, यहां आज भी रखी गई हैं सुरक्षित

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मुस्‍कुराती हुई दुलर्भ तस्‍वीरें शायद आपने कभी नहीं देखी होगी। मेरठ में आज भी ये तस्‍वीरें सुरक्षित रखी हुई हैं। उन्‍होंने यहां भाषण के दौरान कहा था कि देश पर मर मिटने का समय आ गया है। हमें दिल्ली पर फतह हासिल करनी है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:46 AM (IST)
Netaji Subhash Cahndra Jayanti 2021: कभी न देखी होगी नेताजी की मुस्कुराती हुई ये दुर्लभ तस्वीरें, यहां आज भी रखी गई हैं सुरक्षित
राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में नेताजी की दुर्लभ तस्वीर

मेरठ, जेएनएन। देश पर मर मिटने का समय आ गया है। हमें दिल्ली पर फतह हासिल करनी है। यह शब्द नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हैं। जिन्होंने मेरठ में एक जनसभा के दौरान कहा था। जब वह जनसभा को संबोधित कर रहे थे। तो टाउनहाल के पास घंटाघर से सायरन बजा। उस समय नेताजी ने कहा था कि अंग्रेजों के अंत का समय आ गया है। इतिहासकार बताते हैं कि नेताजी का भाषण मेरठ में बहुत प्रभावशाली रहा था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज भी मेरठ की स्म़ृतियों में हैं उनकी कई दुर्लभ तस्वीरें आज भी राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में संरक्षित हैं। जिसमें एक मुस्कुराती हुई नेताजी की तस्वीर भी है।

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इतिहासकार डा. केडी शर्मा बताते हैं कि वर्ष 1940 में मेरठ में जनसभा हुई थी, टाउनहाल में जनसभा थी। जब नेताजी सुभाष चंद्रबोस आए थे। उन्होंने अपने संबोधन से पूरा जनसमूह आजादी के लिए जोश में भर दिया था। बताया जाता है कि जनसभा के बाद मेरठ में आजाद हिंद फौज के सदस्यों की संख्या बढ़ गई थी, बहुत से लोग मेरठ से आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे। नेताजी ने जब मेरठ की जनसभा में यह कहा था कि जल्द ही अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना होगा। यह देश आजाद होकर अपना देश होगा। उस समय टाउनहाल की उपस्थिति जनसमूह देर तक तालियां बजाते रहे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की करीब सौ से अधिक दुर्लभ तस्वीरें संग्रहालय में आज भी मौजूद हैं। इसें अधिकांश फोटो कोलकाता के नेताजी रिसर्च ब्यूरो से लाया गया है।

आजाद हिंद फौज के अफसर मेरठ के पहले सांसद

आजाद हिंद फौज के अफसर शाहनवाज खान मेरठ के पहले सांसद बने थे। इतिहासकार डा. केके शर्मा बताते हैं कि शाहनवाज नेताजी से इतने प्रभावित थे कि जब देश का बंटवारा हुआ तो वह पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे। वह नेहरू के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। मेरठ के पहले सांसद बने थे।  


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