मेरठ में दारोगा ने करोड़ों रुपये लगा रखे हैं अस्पताल में, हस्तिनापुर फार्महाउस प्रकरण के बाद खुलने लगीं परतें
हस्तिनापुर एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्महाउस का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिसकर्मियों पर अकूत संपत्ति कमाने के आरोप हैं। वर्तमान में हापुड़ में तैनात एक दारोगा का करोड़ों रुपये मेरठ के अस्पताल में लगा है। ये सभी राजफाश बड़े अफसरों को चौंका रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्महाउस का मामला प्रकाश में आने के बाद करीब 50 पुलिसकर्मियों पर अकूत संपत्ति कमाने के आरोप हैं। वर्तमान में हापुड़ में तैनात एक दारोगा का करोड़ों रुपये मेरठ के एक अस्पताल में लगा है। मेरठ में तैनाती के दौरान उसने एक पेट्रोल पंप भी लगाया। आला अधिकारियों ने ऐसे मामलों की जांच एंटी करप्शन से कराने का निर्णय लिया है।
तैनाती की जांच कराई जाएगी
धर्मेंद्र सिंह के मामले में एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जोन के आठ जनपदों में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर उनकी संपत्ति और तैनाती की जांच कराई जाएगी। तैनाती अवधि पूर्ण होने पर जनपद, रेंज और जोन में रह रहे पुलिसकर्मियों को जल्द कार्यमुक्त किया जाएगा। फिलहाल करीब 50 पुलिसकर्मियों की शिकायत मिली हैं। इनमें अकूत संपत्ति,तैनाती और व्यवहार सही नहीं होने के आरोप हैं। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। अवैध संपत्ति मिलने पर एंटी करप्शन को रिपोर्ट भेजकर जांच कराई जाएगी।
विभिन्न विभागों में जमे पुलिसकर्मियों की होगी समीक्षा
जोन में कई पुलिसकर्मी सिविल पुलिस छोड़कर दूसरे विभागों में अपनी तैनाती करा चुके हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों की भी जल्द जांच की जाएगी। इन तैनाती के पीछेे स्वार्थ देखा जाएगा। दूसरे विभागों में तैनाती कराने वाले पुलिसकर्मी मेरठ में सबसे ज्यादा हैं। मेरठ में कारोबार चला रहे पुलिसकर्मियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने अपनी तैनाती आसपास के जनपदों में करा रखी है। वे अपनी डयूटी छोड़कर कारोबार पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। मेरठ में कारोबार कर हापुड़, बागपत और गाजियाबाद में तैनाती कराने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
इनका कहना है
भ्रष्टाचार और समय पूरा होने के बाद तैनाती पाने वाले पुलिसकर्मियों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सभी को चेताया जा रहा है कि शासन की मंशा के अनुसार ही काम करें। भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लगाएं। समय पूरा होने के बाद जनपदों में तैनात पुलिसकर्मियों को रिलीव करने के लिए सभी कप्तानों को आदेश दिए जा चुके हैं।
- राजीव सभरवाल, एडीजी