कहानिया दिखाएंगी सिलेबस के बाहर की दुनियां
बेसिक शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के बच्चों को सिलेबस के बाहर की दुनिया दिखाने और किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से नेशनल बुक ट्रस्ट किताबें प्रदान कर रहा है।
मेरठ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के बच्चों को सिलेबस के बाहर की दुनिया दिखाने और किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से नेशनल बुक ट्रस्ट किताबें प्रदान कर रहा है। जिले के 910 प्राइमरी स्कूलों को पांच-पांच हजार रुपये और 432 जूनियर स्कूलों को 10-10 हजार रुपये की किताबें प्रदान की गई हैं। प्राइमरी व जूनियर को मिलाकर कंपोजिट बने स्कूलों में 13-13 हजार रुपये की एकमुस्त किताबें दे रहे हैं। हर प्राइमरी स्कूलों को 112 किताबें और जूनियर स्कूलों को 121 किताबें प्रदान की गई हैं। इनमें कहानी, महापुरुषों की जीवनी व उपलब्धियां, सामान्य ज्ञान, देशभक्ति, ¨हदी व अंग्रेजी की किताबें हर कक्षा के बच्चों के अनुरूप प्रदान की गई हैं। जिससे हर कक्षा के बच्चे किताबों को पढ़ सकें। स्कूलों में बन रही लाइब्रेरी इन किताबों से स्कूलों में लाइब्रेरी बनाई गई है। हर दिन के टाइम-टेबल में सभी कक्षा के बच्चों को एक-एक पीरियड इन किताबों को पढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। इन किताबों में एडवेंचर ऑफ दीपू- द डंकी, अमर ज्योति, ऐन एनसिएंट टेल फ्रॉम अंडमान, अक्लमंद कछुआ, ऐज दे सॉ इंडिया, बबूल का भूत, पूंछ की पूछ, गिरगिट और मेंढक, होली की गुझिया, गीत गूंजते अक्षर-अक्षर, बालगीतम, बांसुरी के सुर, बस्तर का मोंगली-चेंद्रू, भारत के यायावार, भोलू और गोलू आदि किताबें हैं। बन रही डॉक्यूमेंट्री नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से किताबों से बनी लाइब्रेरी पर हर जिले में डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है। इसके जरिए देश के सभी प्रदेशों के विभिन्न जिलों में इस योजना के क्रियान्वयन को भी परखा जाएगा। साथ ही इससे मिलने वाले लाभ और शिक्षा से जुड़ी अन्य योजनाओं को तैयार करने में भी इसके इनपुट को इस्तेमाल किया जाएगा। सोमवार को प्राथमिक विद्यालय रजपुरा में भी एनबीटी की टीम ने डॉक्यूमेंट्री के लिए वीडियो शूट किया। इनका कहना है.. -जिले के सभी स्कूलों को किताबें मुहैया करा दी गई हैं। निरीक्षण के दौरान स्कूलों की लाइब्रेरी देखी जा रही है। हम शिक्षकों को भी बच्चों को किताबों से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। -रश्मि अहलावत, जिला समन्वयक, प्रशिक्षण -यह किताबें मिलने से पहले भी हमने सिलेबस से अतिरिक्त किताबें रखी हैं। बच्चों को यह किताबें बेहद पसंद आते हैं और वह लगन से पढ़ते भी हैं। -पुष्पा यादव, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय, रजपुरा