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एजेंसी का चयन कर भूले आवारा कुत्तों की नसबंदी

नगर निगम प्रशासन ने छह माह पहले अलीगढ़ की एजेंसी का चयन किया था। आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन किया जाना था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 04:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:11 AM (IST)
एजेंसी का चयन कर भूले आवारा कुत्तों की नसबंदी
एजेंसी का चयन कर भूले आवारा कुत्तों की नसबंदी

मेरठ, जेएनएन। नगर निगम प्रशासन ने छह माह पहले अलीगढ़ की एजेंसी का चयन किया था। आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन किया जाना था। लेकिन नगर निगम एजेंसी का चयन कर भूल गया। अभी तक नसबंदी नहीं शुरू हो पाई है।

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हाई कोर्ट ने जनवरी 2019 में आवारा कुत्तों को शेल्टर करने के निर्देश नगर निगम को दिए थे। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की कवायद शुरू की थी। नगर निगम ने बकायदा टेंडर निकालकर अलीगढ़ की एजेंसी को फाइनल किया था, लेकिन एजेंसी को वर्क ऑर्डर आज तक जारी नहीं हुआ। आवारा कुत्तों को शेल्टर करने के लिए बराल परतापुर में लाखों रुपये खर्च शेल्टर हाउस बनाया गया है। हालात ये हैं कि एजेंसी के लोग काम शुरू करने के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं। स्थिति ये है कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सब्जी मार्केट और पार्को में भी आवारा कुत्तों की दहशत है।

नगर निगम के कर्मचारी भी परेशान

खुद नगर निगम के कर्मचारी आवारा कुत्तों से परेशान हैं। निगम परिसर में कर्मचारी या लोग गाड़ी खड़ी करके अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं और वापस आते हैं तो गाड़ी के ऊपर आवारा कुत्ते सोते हुए मिलते हैं। आवारा कुत्तों से जिला अस्पताल प्रशासन भी परेशान है। इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक मरीजों के बीच आए दिन घूमते रहते हैं।

आज फाइनल होगी बंदर पकड़ने की एजेंसी

उधर, बंदर पड़कने के लिए नगर निगम ने टेंडर खुल गया है, लेकिन एजेंसी फाइनल नहीं हो सकी है। मथुरा की चार एजेंसियों ने टेंडर डाले थे। जिसमें सबसे कम 220 रुपये की दर आई थी। लेकिन ये दर डालनी वाली एजेंसी ने कुछ दस्तावेज नहीं जमा किए है। जिसके चलते दूसरी एजेंसी जिसने 225 रुपये की दर डाली है। उसे फाइनल किया जा सकता है। इस एजेंसी ने निगम अधिकारियों से कहा है कि बंदरों को शिवालिक वन प्रभाग के सहारनपुर वन क्षेत्र में छोड़े जाने के बाद तीन दिन तक उनको भोजन जैसे केला, गुड़ और चना देगा। ताकि वे उस वातावरण में रुक सकें।

वर्जन:--

आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस में शेष काम किया जा रहा है। इसी सप्ताह एजेंसी काम शुरू कर देगी। ऐसी उम्मीद है। बंदर पकड़ने की एजेंसी भी को सोमवार को फाइनल कर दिया जाएगा।

डा. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।


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