सकारात्मक रहें और कठिन विषयों को दें प्राइम टाइम
बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र-छात्राओं के लिए दिमाग का तंदुरुस्त रहना ही काफी नहीं है। उन्हें अपने शरीर और मन का भी बराबर ख्याल रखना चाहिए जिससे परीक्षा की तैयारी में किसी भी तरह का व्यवधान न आ सके। सोफिया गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर गेल का कहना है कि अपने जीवन का लक्ष्य हासिल करने के लिए दिमाग का तरोताजा रहना बेहद जरूरी है।
मेरठ, जेएनएन। बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र-छात्राओं के लिए दिमाग का तंदुरुस्त रहना ही काफी नहीं है। उन्हें अपने शरीर और मन का भी बराबर ख्याल रखना चाहिए जिससे परीक्षा की तैयारी में किसी भी तरह का व्यवधान न आ सके। सोफिया गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर गेल का कहना है कि अपने जीवन का लक्ष्य हासिल करने के लिए दिमाग का तरोताजा रहना बेहद जरूरी है। इसलिए बोर्ड परीक्षार्थी सकारात्मक भाव से अपना टाइम-टेबल बनाएं। किस समय क्या पढ़ना है यह निर्धारित करना बेहतर होगा।
प्राइम टाइम का करें सदुपयोग
परीक्षार्थियों के लिए कठिन विषयों के लिए अतिरिक्त समय और प्राइम-टाइम को निकालना बेहद जरूरी है। इससे पढ़ाई में कठिन और आसान विषयों की तैयारी का सामंजस्य बना रहता है। साथ ही यह भी पता चल जाता है कि दिन के किस समय के दौरान कितना लोड लेना है। उसी के अनुरूप बच्चे स्वयं को भी तैयार करते हैं। कठिन विषयों के आसपास आसान विषयों को तैयारी के लिए रखें, लेकिन समय उन्हें भी पूरा दें।
पढ़ने का अनुकूल स्थान चुनें
पढ़ाई और बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए एकाग्रता अनिवार्य है। इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों के आसपास ध्यान भटकाने वाली गतिविधियां अधिक होती हैं। इसलिए एकाग्रता बनाए रखने को पढ़ाई के लिए अनुकूल स्थान का चयन करें, जहां पढ़ाई और आपके बीच कोई और न हो। निरंतर पानी पीते रहें और बीच-बीच में ताजे फलों का सेवन अच्छा रहेगा। पढ़ाई के दौरान थोड़ा समय निकालकर टहलना भी सेहतमंद होता है।
अभी पर्याप्त समय है
परीक्षा बच्चों के लिए कोई नई प्रक्रिया नहीं है। इसलिए जिन बच्चों के प्री-बोर्ड में रिजल्ट थोड़े खराब भी रहे हैं, उससे कतई निराश होने की जरूरत नहीं है। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए अभी पर्याप्त समय है। आप सभी अब तक जो भी पढ़े हैं, उसका रिवीजन करें। अब से तैयारी कर आप अपना रिजल्ट और बेहतर कर सकते हैं।
स्वयं से करें सवाल और ईमानदारी से दें जवाब
सिस्टर गेल का कहना है कि एक सवाल हर विद्यार्थी को स्वयं से जरूर पूछना चाहिए और उसका सही जवाब भी देना चाहिए। वह यह कि 'क्या अभी मुझे किताबों को अतिरिक्त समय देकर संघर्ष कर पूरे जीवन आराम से गुजारना चाहिए या फिर मुझे वर्तमान में मौज-मस्ती कर जीवनभर संघर्ष करते रहना चाहिए?' इस सवाल का जवाब छात्र-छात्रा ईमानदारी से देंगे तो वह जीवन में हर लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। अब इस चुनौती को गंभीरता से स्वीकार किया है तो ईश्वर भी आपकी मदद करेंगे।