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मेरठ में रैपिड रेल की शुरुआत देगी यह बड़ी सौगात

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मेरठ दिल्ली के बीच रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद अब इसके काम में तेजी आने की उम्मीद है। इस रेल की शुरुआत के साथ ही कई फायदे होंगे।

By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 10:51 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 10:51 AM (IST)
मेरठ में रैपिड रेल की शुरुआत देगी यह बड़ी सौगात
मेरठ में रैपिड रेल की शुरुआत देगी यह बड़ी सौगात
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। रैपिड रेल अपने साथ तमाम सौगात लेकर आ रही है। इसी सौगात में शामिल है मोदीपुरम को शैक्षिक हब और परतापुर को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना। इसी के साथ सभी स्टेशनों के आसपास 1.50 किमी क्षेत्र को विशेष रूप से विकसित करने की योजना भी है। दरअसल यह सब ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत होगा,जिसके लिए जल्द ही मेरठ और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नोटिफिकेशन जारी करने वाले हैं।
यूपी सरकार का रुख सकारात्मक
टीओडी नीति को दिल्ली में मेट्रो परियोजना के लिए लागू करने के कई बार प्रयास किए,लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। अब रैपिड रेल कॉरीडोर के निर्माण के साथ ही टीओडी लागू करने की योजना पर काम चल रहा है। इसे प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्राधिकरणों को लागू करना होता है। रैपिड रेल कॉरीडोर के लिए उप्र सरकार सकारात्मक है और इसी के अंतर्गत मेरठ के परतापुर को औद्योगिक और मोदीपुरम को शैक्षिक हब के रूप में विकसित करने के लिए सहमति भी बन चुकी है। गाजियाबाद के गुलधर और दुहाई स्टेशन के पास व्यावसायिक हब विकसित होगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने टीओडी लागू करने के लिए तैयारी भी कर ली है वहीं मेरठ विकास प्राधिकरण भी जल्द ही इस दिशा में आगे बढ़ेगा।
स्टेशन के आसपास क्षेत्र की बदलेगी सूरत
टीओडी पॉलिसी के तहत स्टेशन के दोनों तरफ 1.50 किमी और कॉरीडोर के दोनों तरफ 500 मीटर तक क्षेत्र के लिए अलग नीति बनाई जाती है। जो क्षेत्र हब के रूप चिह्न्ति होता है उसके लिए उससे संबंधित भू-उपयोग जबकि अन्य स्टेशनों व कॉरीडोर के किनारे मिश्रित भू-उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है जिससे उसके स्टेशनों के आसपास बड़े-बड़े अपार्टमेंट,उच्च सुविधा वाले शहर,अस्पताल,बड़े संस्थानों के कार्यालय,उद्योग,विद्यालय आदि आसपास खुल सकें। यहां के लिए विकास प्राधिकरण अलग नियम और शर्ते तय करती है। इस क्षेत्र में जमीन खरीदने,बेचने निर्माण करने आदि के नियम थोड़े अलग होते हैं। इस क्षेत्र में बड़े-बड़े भूखंड बनाए जा सकते हैं। उनका एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बड़ा होता है।
ये है टीओडी नीति
केंद्र सरकार ने 2017 में टीओडी नीति लागू की थी। इसका मकसद है कि मेट्रो या रैपिड जैसी परियोजनाओं के कॉरीडोर के किनारे ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलपमेंट हो,जिससे आसपास के लोगों को जाम और प्रदूषण से मुक्ति मिले। साथ ही आसपास सुविधाएं हों।
इनका कहना है
टीओडी नीति रैपिड रेल के कॉरीडोर निर्माण के साथ ही लागू करने का प्रयास है,जिससे जब तक निर्माण कार्य पूरा हो, टीओडी क्षेत्र भी अस्तित्व में आने लगे। गाजियाबाद और मेरठ के लिए इसे प्रदेश सरकार को लागू करवाना है। आरआरटीएस से संबंधित सभी कार्यो में कमिश्नर का रुख शुरुआत से ही सकारात्मक रहा है,इसलिए उम्मीद है कि वह अपने स्तर से जरूरी नीतियों को लागू कराने में प्रयास करेंगी।
- सुधीर शर्मा,सीपीआरओ,एनसीआरटीसी

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