एसएस पार्टी ने कमिश्नरी चौराहा पर शुरू की बेमियादी भूख हड़ताल
जम्मू-कश्मीर में लागू धारा-370/35 ए को तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय करने की मांग को लेकर एसएस पार्टी ने गुरुवार से चौधरी चरण सिंह पार्क कमिश्नरी चौराहा में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने एलान किया है कि जब तक सरकार की ओर से उनकी इस मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
मेरठ । जम्मू-कश्मीर में लागू धारा-370/35 ए को तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय करने की मांग को लेकर एसएस पार्टी ने गुरुवार से चौधरी चरण सिंह पार्क, कमिश्नरी चौराहा में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने एलान किया है कि जब तक सरकार की ओर से उनकी इस मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा, तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
आतंकी हमले में 40 से अधिक सैनिकों के मारे जाने से एसएस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त आक्रोश है। इसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंवर सिंह चौहान के नेतृत्व में गुरुवार से भूख हड़ताल शुरू की गई है। एसएस पार्टी की मुख्य मांग है कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370/35ए को तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय किया जाए। यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह बेमियादी धरना प्रदर्शन करेंगे। पहले दिन पार्क में भूख हड़ताल पर बैठने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष भंवर सिंह चौहान, पूर्व सूबेदार राजकुमार चौहान, पूर्व सैनिक दिनेश सिंह, पूर्व हवलदार ओम प्रकाश सिंह, रविंद्र सिंह पुंडीर, रीना सिंह व पूर्व सूबेदार प्रमोद सिंह चौहान आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। वहीं, विभिन्न संगठनों ने भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया।
सरकार के रवैए से बैंक अधिकारी निराश
मेरठ । बैंक कर्मियों और अधिकारियों की मांगों को लेकर गुरुवार को इंडियन बैंक एसोसिएशन की वार्ता बेनतीजा रही। बैठक में कर्मचारी यूनियनों ने भाग लिया था बैंक अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली दोनो प्रमुख यूनियन ने इसका बायकाट किया था। आल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फड्रेशन के संगठन सचिव हरीश वाधवा ने बताया कि बैंक अधिकारियों के वेतनवृद्धि और पांच कार्यदिवस प्रमुख मांगे थी। लेकिन आइबीए द्वारा इन मांगों को लेकर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया गया जिससे एसोसिएशन ने बैठक का बहिष्कार किया। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अन्य विभागों के कर्मियों के वेतन बढ़ाने के लिए धन है लेकिन बैंक स्टाफ के लिए उनके पास धन नहीं है। उन्होंने आइबीए के रवैए से बैक कर्मी और अधिकारी दोनो निराश हैं।