खराब हो रहे मेरठ के स्कूलों को मिले खेल उपकरण, ताकि खेलकूद को मिले बढ़ावा
स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बच्चों की रुचि के अनुरूप खेलकूद की सामग्री दी गई थी। पिछले दो सालों में प्राइमरी स्कूलों को दो बार पांच हजार व जूनियर स्कूलों को 10-10 हजार रुपये दिए गए थे।
जागरण संवाददाता, मेरठ। स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बच्चों की रुचि के अनुरूप खेलकूद की सामग्री दी गई थी। पिछले दो सालों में प्राइमरी स्कूलों को दो बार पांच हजार व जूनियर स्कूलों को 10-10 हजार रुपये दिए गए थे। अधिकतर स्कूलों में खेल उपकरण खरीदे भी गए लेकिन पिछले साल से उनका इस्तेमाल न होने से कुछ खराब हो गए तो कुछ खराब रखरखाव के कारण गुणवत्ता खो बैठे।
दो साल में जिले के 1,300 से अधिक परिषदीय स्कूलों में सर्वा नौ सौ प्राइमरी स्कूलों को 10-10 हजार रुपये और उच्च प्राइमरी स्कूलों को 20-20 हजार रुपये मिले हैं। कोविड के कारण पिछले साल से स्कूल बंद है और बच्चे भी नहीं पहुंचे। ऐसे में बहुत से ऐसे उपकरण हें जो बिना इस्तेमाल के खराब हो गए।
पहले साल सूची, दूसरे जरूरत के अनुरूप खरीदे उपकरण
साल 2019 में स्कूलों को धनराशि के साथ ही खेल उपकरणों की सूची दी गई थी। उसी सूची और बच्चों की रुचि के अनुरूप स्कूलों को खेल उपकरण लेने थे। कुछ स्कूलों ने गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया तो वहीं कुछ स्कूलों ने अधिक सामग्री लेने के चक्कर में गुणवत्ता से समझौता किया। साल 2020 में स्कूलों को धनराशि देने के साथ ही स्कूलों की जरूरत के अनुरूप उपकरण खरीदने को कहा गया।
रमसा स्कूलों को भी मिले खेल उपकरण
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित जिले के राजकीय हाई स्कूलों को भी खेल उपकरणों के लिए धनराशि मिली थी। इन स्कूलों में छात्र संख्या के अनुरूप खेल उपकरण लिए गए जो अब स्कूल में बंद कमरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। पिछले साल किसी सामग्री का इस्तेमाल न होने के कारण ही इस साल खेल उपकरणों के लिए कोई धनराशि भी जारी नहीं की गई है।