कल्बे जव्वाद== 'मां-बाप नाराज हुए तो सारी नेकियां बेकार'
मेरठ: जैदी सोसायटी स्थित इमामबारगाह पंजेतनी में मजलिस ए चेहल्लुम को शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वा
मेरठ: जैदी सोसायटी स्थित इमामबारगाह पंजेतनी में मजलिस ए चेहल्लुम को शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने खिताब फरमाया। शायर सैयद हसन हैदर रिजवी के चालीसवें पर आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिया धर्म गुरु ने कहा कि अगर हमें अपने मां-बाप को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए। अगर मां-बाप हमसे नाराज हैं तो हमारी सारी नेकियां बेकार हैं।
शायर और वाणिज्यकर विभाग में प्रधान सहायक सैयद अली हैदर रिजवी के निधन पर आयोजित मजलिस का आरंभ बाकर राजा और सैय्यद हसन अली ने सोजख्वानी से किया। मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि अगर कोई डूब रहा है और हम नमाज पढ़ रहे हैं तो इस्लाम इसको इबादत नहीं मानता। डूबते हुए को बचाना ही अल्लाह की इबादत है। मरहूम सैयद अली हैदर रिजवी को हरदिल अजीज शख्शियत बताते हुए मौलाना जव्वाद ने कहा कि कुछ लोग मरने के बाद भी जिंदा रहते हैं। मजलिस के अंत में मौलाना कल्बे जव्वाद ने कर्बला की शहादत बयान कर उपस्थित लोगों की आंखों को नम कर दिया। संचालन अली हैदर रिजवी ने किया। सलाम ए अकीदत असद रजा, नजीर बाकरी और मुजाहिद देहलवी ने की। मजलिस में दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद और आसपास के जनपदों से आए लोगों ने शिरकत की। शास्त्रीनगर सेक्टर चार में ख्वातीन की मजलिस को जाकरा, गदीर, जेहरा ने खिताब किया। अलहाज सैयद शाह अब्बास,असकरी रजा बाकरी, हुसैन हैदर रिजवी, वजाहत हुसैन रिजवी, मसूद रजा बाकरी, मंसूर रजा, अली आमिर, हाजी शमशाद अली, अरफात हैदर, सखी हैदर जैन, तारिक अब्बास, गाजी हैदर, हैदर अब्बास, नायब अली, पिंटू आदि मौजूद रहे।
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श्मशान में जगह तलाशें वसीम, चालीसवें पर पढ़वाएं हनुमान चालीसा
मेरठ: शिया धर्म गुरु ने कहा कि अगर मदरसे नहीं होंगे तो मौलवी कहां से आएंगे। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के मदरसों के विरोध में दिए गए बयान पर उन्होंने तंज कसा कि उन्हें श्मशान में अपने लिए जगह तलाशनी चाहिए और अपने चालीसवें पर हनुमान चालीसा का पाठ कराना चाहिए।