Special Column: बंदिश ओढ़कर मनाएं आजादी, नगर निगम की एमडीए को जिम्मेदार धमकी Meerut News
नगर निगम ने एमडीए को धमकी दी है जिसकी लोग चाव से चर्चा कर रहे हैं। लॉकडाउन शुरू होने से कुछ माह पहले एमडीए ने अपनी आठ कॉलोनियों को नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया था।
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। Special Column नगर निगम ने एमडीए को धमकी दी है, जिसकी लोग चाव से चर्चा कर रहे हैं। लॉकडाउन शुरू होने से कुछ माह पहले एमडीए ने अपनी आठ कॉलोनियों को नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया था। 79 करोड़ रुपये विभिन्न कार्यों के लिए एमडीए को चुकाने थे। टोकन मनी के रूप में दिए 10 करोड़, बाकी बात हुई तीन महीने की किस्तों में देने की। करीब छह माह बीत गए, दूसरी किस्त नहीं मिली। इस पर निगम ने अब धमकी दे दी है कि धन नहीं मिला तो वापस कर देंगे कॉलोनियां। ये जो कॉलोनियां हैं, वे पहले से ही मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही हैं। एमडीए ने कॉलोनी हस्तांतरित करने के बाद अपनी जो कुछ कॉलोनियां बची हैं, उनमें काम कराने का टेंडर निकाल दिया। तो उधर, जो हस्तांतरित हुई हैं, उसके लोग काम कराने के लिए अब निगम पर दबाव बनाने लगे हैं।
कीजै रिंग रोड कुबूल
दोस्ती पर एक पंक्ति है, कीजै मुझे कुबूल, मेरी हर कमी के साथ...। यह लाइन एनएचएआइ शायद अब मेरठ शहर के लोगों को सुनाना चाहती है। शहर से पांच हाईवे, और एक एक्सप्रेस-वे जुड़ रहे हैं। इन हाईवे को आपस में जोडऩे के लिए एनएचएआइ लिंक रोड बनाने का खाका तैयार कर रहा है। उसका जो प्रस्ताव है, उसमें थोड़ी कमी यह है कि शहर के लोग जो लंबे समय से इनर रिंग रोड सुनते आ रहे थे, उसमें से थोड़ा परिवर्तन है, और साथ ही दो हाईवे के बीच करीब पांच-छह किलोमीटर के एक टुकड़े का निर्माण अभी प्रस्तावित नहीं है। हालांकि, शहर के लोगों को इन सब कमियों को कुबूल करके स्वागत करना चाहिए, क्योंकि जो भी बनने जा रहा है, वह भी रिंग रोड ही है, और वह शहर के जाम को कम ही करेगी। पुराने स्वरूप का भी कुछ हिस्सा बन रहा है।
पुरातत्व सर्किल बढ़ाएगा कद
मेरठ पुरातात्विक महत्व का स्थल है, मगर दुर्भाग्य की बात है कि यहां पर पुरातत्व विभाग का कोई संरक्षित स्मारक नहीं है। बहरहाल, बात महत्व बढ़ाने की है। मेरठ के हस्तिनापुर में राष्ट्रीय संग्रहालय प्रस्तावित है। इसे देश के पांच आइकोनिक साइट में रखा गया है। यह देर सबेर बनेगा ही तो इससे मेरठ का कद बढ़ेगा। मेरठ के पड़ोस के सिनौली ने तो खोदाई के बाद आर्य की थ्योरी ही बदल दी। उस पर अध्ययन चल रहा है। मेरठ महाभारत कालीन है, इसलिए ढंग से खोदाई हो तो बहुत से रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। सांसद ने इसे देखते हुए ही केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री से पुरातत्व सर्किल की मांग रखी है। वैसे सर्किल बनना आसान नहीं है, हालांकि यदि बन जाता है तो उससे देश-विदेश में मेरठ का मान बढ़ जाएगा और कद ऊंचा हो जाएगा। मांग अच्छी है, मांगने में बुराई नहीं।
बंदिश ओढ़कर मनाएं आजादी
15 अगस्त यानी स्वतंत्र भारत की आजादी का जश्न मनाने का दिन। जहां जश्न होता है वहां भीड़ भी होती है। आजादी के जश्न में भीड़ पर रोक भी नहीं होती, लेकिन इस बार ऐसी परिस्थिति नहीं है। कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, इसलिए शारीरिक दूरी बनाए रखने व कम से कम लोगों के एकत्र होने की खातिर ही अभी किसी आयोजन को अनुमति नहीं मिल रही है। तमाम बंदिशें अभी भी हैं जो कोरोना संक्रमण की वजह से लागू हैं। ऐसी ही बंदिश रहेगी आजादी के जश्न पर। हमारा भी यही दायित्व बनता है कि दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आजादी मनाएं। समूह में एकत्र न हों। बाहर भी न घूमें। घर पर परिवार के साथ ही झंडारोहण कर राष्ट्रगान करें। नया अनुभव रहेगा। हर घर तिरंगा फहरेगा। घर में मिष्ठान्न वितरित करें, और उसे चाहें तो सोशल मीडिया पर शेयर कर दें।