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40 साल पीछे टेंडर प्रणाली, आज भी चल रहा है वही खेल Meerut News

टेंडर दिए जाने का खेल 40 साल बाद भी जारी है। कोरोना संक्रमण में कम्युनिटी किचन के टेंडर की शिकायत लखनऊ तक पहुंची तब टेंडर बदला।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 04:00 PM (IST)
40 साल पीछे टेंडर प्रणाली, आज भी चल रहा है वही खेल Meerut News
40 साल पीछे टेंडर प्रणाली, आज भी चल रहा है वही खेल Meerut News

मेरठ, [सुशील कुमार]। हाल ही में 80 के दशक में पूर्वांचल की सत्य घटना पर आधारित ’रक्तांचल’ वेव सीरीज आई। नौ एपीसोड में दिखाया कि राज्य विकास के काम टेंडर्स के जरिए बांटे जाते थे। टेंडर माफिया वसीम खान के आपराधिक साम्राज्य को युवा विजय सिंह चुनौती देता है। इस प्रतिशोध के पीछे कारण यह था कि जब विजय ने अपने पिता से आइएएस बनने का वादा किया, उसके कुछ ही मिनटों बाद वसीम के गुंडे पिता की हत्या कर देते हैं। विजय पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वसीम के साम्राज्य को नेस्तनाबूद करता है। यहां हमारा आशय है कि टेंडर का वह खेल 40 साल बाद भी जारी है। कोरोना संक्रमण में कम्युनिटी किचन के टेंडर की शिकायत लखनऊ तक पहुंची तब टेंडर बदला। सवाल है, अस्सी के दशक से हम बहुत आगे आ चुके हैं लेकिन टेंडर प्रणाली अभी भी वहीं खड़ी है।

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सचमुच, मार तो लिया मैदान

जैसे ही लॉकडाउन के बाद शहर अनलॉक हो रहा है, उसी तरीके से बदमाशों की भी सामत आ गई। एक ही दिन में पुलिस ने पांच मुठभेड़ कर सात बदमाशों के पैर में गोली मार दी। तर्क दिया कि चेकिंग के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायर किया। जवाबी फायरिंग में बदमाश घायल हुए। वाकई पुलिस की हिम्मत की दाद तो देनी ही पड़ेगी। इसके पीछे की वजह भी आपको बताते चलें। हाल ही में एडीजी प्रशांत कुमार का स्थानांतरण एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर हुआ है। उनके स्थान पर राजीव सभरवाल को मेरठ का एडीजी बनाए गए। एडीजी को अपनी कार्यशैली का अहसास कराने के लिए मेरठ पुलिस ने तीन दिनों में ताबड़तोड़ मुठभेड़ कर डाली। एडीजी भी आश्चर्य में पड़ गए। हालांकि उन्होंने भी एक दिन में सात बदमाशों के पैर में गोली मारने वाली पुलिस की पीठ थपथपाने में देर नहीं लगाई।

दूल्हे को क्‍वारंटाइन का डर

अनलॉक- 1.0 में शर्तों के साथ शादी समारोह की छूट तो मिल गई है मगर कुछ लोग उसे लेकर अभी भी बड़ी दुविधा में हैं। उन्हें शादी समारोह के बाद क्वारंटीन को लेकर संशय बना हुआ है। क्या शादी समारोह से लौटने के बाद क्‍वारंटाइन में तो नहीं रहना पड़ेगा। दरअसल, शादी में दूल्हे को काफी रस्में पूरी करनी होती हैं। रिश्तेदार भी एक दूसरे से मिलते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा तो बढ़ ही जाता है, इसलिए ट्विटर पर एसएसपी अजय साहनी से एक युवक ने सवाल किया है। काशीराम नगर के रहने वाले इस युवक की बारात बागपत जानी है। उन्हें टेंशन इस बात की है कि शादी में जाने वाले हर व्यक्ति को लौटने के बाद क्वारंटीन तो नहीं होना पड़ेगा। पुलिस की तरफ से जवाब दिया गया कि कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे तो क्वारंटीन नहीं होना पड़ेगा।

कुर्सी भी हो गई सुरक्षित

कोरोना संक्रमण के समय में कोरोना योद्धा बनकर फ्रंट पर रहने वाले पुलिसवालों की कुर्सी भी इस समय सुरक्षित हो गई है। जी हां, हम थानेदार की कुर्सी की नहीं, बल्कि हॉटस्पॉट से लेकर चेकिंग प्वाइंट पर मौजूद रहने वाले पुलिसकर्मियों की कुर्सी की बात कर रहे हैं। पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक दूसरे की कुर्सी पर भी नहीं बैठते हैं, बल्कि कुर्सी पर सभी ने अपना नंबर लिख दिया है। हर रोज सभी पुलिसकर्मी अपनी अपनी कुर्सी पर ही बैठते हैं ताकि एक दूसरे से संक्रमण न हो सके। साथ ही मास्क के साथ फेस शील्ड और गर्म पानी भी घर से लेकर चलने लगे हैं, यानि ज्यादातर पुलिसकर्मियों ने बाहर का पानी पीना भी बंद कर दिया है। एडीजी राजीव सभरवाल ने भी पूरी पुलिस फोर्स को इस प्रकार की सावधानी बरतने की सलाह दी है। 


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