पदयात्रा समापन पर एलान...दिल्ली भी कूच करेंगे बेरोजगार और किसान
समाजवादी पार्टी की पदयात्रा के समापन पर नेतृत्वकर्ता अतुल प्रधान ने कहा कि किसान और बेरोजगार अब दिल्ली कूच करेगा।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 05:28 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। सपा की दो दिवसीय किसान-बेरोजगार पद यात्रा का समापन सोमवार को कमिश्नरी चौराहे पर हुआ। जनसमर्थन और पार्टी नेतृत्व के सहयोग से उत्साहित अतुल प्रधान ने घोषणा की कि जल्द ही ऐसी ही 50 हजार लोगों की पदयात्रा लेकर दिल्ली जाएंगे। समापन मौके पर सांसद धर्मेंद्र यादव व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी भी पहुंचे।
हस्तिनापुर से शुरू हुई थी
समाजवादी छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान के नेतृत्व में रविवार को हस्तिनापुर से किसान-बेरोजगार यात्रा शुरू हुई थी। मवाना, छोटा मवाना, गंगानगर होते हुए सोमवार शाम को साकेत चौराहा व डीएम आवास के रास्ते 40 किमी की दूरी तय करके कमिश्नरी चौराहा पहुंची। धनसिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद धर्मेंद्र यादव व रामगोविंद चौधरी ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। दोनों नेताओं ने अतुल प्रधान की अगुवाई में संपन्न हुई साइकिल यात्रा व पदयात्रा में भीड़ जुटने की सराहना की। अतुल प्रधान ने जब घोषणा की कि वह ऐसी यात्रा दिल्ली भी लेकर जाएंगे, तो इस पर भी इन नेताओं ने सहयोग करने व पार्टी अध्यक्ष की अनुमति दिलाने का आश्वासन दिया।
भीड़ रोकी तो सीओ-एसीएम से भिड़ गए अतुल
अतुल के साथ काफी लोग पैदल चल रहे थे जबकि बड़ी संख्या में लोग मोटरसाइकिल, कार व ट्रैक्टर-ट्रॉली से थे। यात्रा जब गंगानगर के रास्ते साकेत के पास पहुंची तो वाहनों को रोकने की कोशिश की गई ताकि शहर में जाम न लगे। इसके लिए बेरिकेडिंग लगा दी गई। इस पर अतुल सीओ व एसीएम से भिड़ गए। इसके बाद कार्यकर्ता बेरिकेडिंग को पार करके कमिश्नरी चौराहे की ओर बढ़ गए। हालांकि कुछ ट्रैक्टर-ट्राली आदि वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया।
आपस में भी कार्यकर्ताओं ने की धक्कामुक्की
यात्रा में आगे चलने व अतुल की नजर में आने के लिए लोग बार-बार आगे आ जाते, जिन्हें हटाने की कोशिश होती। इसको लेकर कार्यकर्ताओं में धक्कामुक्की भी हुई।
नेताओं की दूरी से व्यक्तिगत रही पदयात्रा
पार्टी के पत्र के बावजूद शाहिद मंजूर, जिलाध्यक्ष व शहर विधायक आदि वरिष्ठ नेता इसमें शामिल नहीं हुए। बहरहाल महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, विपिन मनोठिया, आदिल सिद्दीकी, बाबर चौहान आदि ने पैदल यात्रा भी की।
रफीक व आकिल के घर गए धर्मेंद्र
धर्मेंद्र यादव व रामगोविंद चौधरी शहर विधायक रफीक अंसारी के घर गए और उनके परिवार के बीच समय बिताया। वहीं धर्मेंद्र यादव यात्रा समापन के बाद आकिल मुर्तजा के भी घर पहुंचे।
हस्तिनापुर से शुरू हुई थी
समाजवादी छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान के नेतृत्व में रविवार को हस्तिनापुर से किसान-बेरोजगार यात्रा शुरू हुई थी। मवाना, छोटा मवाना, गंगानगर होते हुए सोमवार शाम को साकेत चौराहा व डीएम आवास के रास्ते 40 किमी की दूरी तय करके कमिश्नरी चौराहा पहुंची। धनसिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद धर्मेंद्र यादव व रामगोविंद चौधरी ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। दोनों नेताओं ने अतुल प्रधान की अगुवाई में संपन्न हुई साइकिल यात्रा व पदयात्रा में भीड़ जुटने की सराहना की। अतुल प्रधान ने जब घोषणा की कि वह ऐसी यात्रा दिल्ली भी लेकर जाएंगे, तो इस पर भी इन नेताओं ने सहयोग करने व पार्टी अध्यक्ष की अनुमति दिलाने का आश्वासन दिया।
भीड़ रोकी तो सीओ-एसीएम से भिड़ गए अतुल
अतुल के साथ काफी लोग पैदल चल रहे थे जबकि बड़ी संख्या में लोग मोटरसाइकिल, कार व ट्रैक्टर-ट्रॉली से थे। यात्रा जब गंगानगर के रास्ते साकेत के पास पहुंची तो वाहनों को रोकने की कोशिश की गई ताकि शहर में जाम न लगे। इसके लिए बेरिकेडिंग लगा दी गई। इस पर अतुल सीओ व एसीएम से भिड़ गए। इसके बाद कार्यकर्ता बेरिकेडिंग को पार करके कमिश्नरी चौराहे की ओर बढ़ गए। हालांकि कुछ ट्रैक्टर-ट्राली आदि वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया।
आपस में भी कार्यकर्ताओं ने की धक्कामुक्की
यात्रा में आगे चलने व अतुल की नजर में आने के लिए लोग बार-बार आगे आ जाते, जिन्हें हटाने की कोशिश होती। इसको लेकर कार्यकर्ताओं में धक्कामुक्की भी हुई।
नेताओं की दूरी से व्यक्तिगत रही पदयात्रा
पार्टी के पत्र के बावजूद शाहिद मंजूर, जिलाध्यक्ष व शहर विधायक आदि वरिष्ठ नेता इसमें शामिल नहीं हुए। बहरहाल महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, विपिन मनोठिया, आदिल सिद्दीकी, बाबर चौहान आदि ने पैदल यात्रा भी की।
रफीक व आकिल के घर गए धर्मेंद्र
धर्मेंद्र यादव व रामगोविंद चौधरी शहर विधायक रफीक अंसारी के घर गए और उनके परिवार के बीच समय बिताया। वहीं धर्मेंद्र यादव यात्रा समापन के बाद आकिल मुर्तजा के भी घर पहुंचे।
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