Move to Jagran APP

Meerut Coronavirus Update: चंद सांसें बची हैं, इलाज नहीं मिल रहा तो घर ले चलो... मरीज की बातें सुन झलक उठे आंसू

कोई देखने नहीं आ रहा। कोई दवा भी नहीं मिली। दर्द बढ़ता ही जा रहा है। अब हिम्मत टूट रही है। लगता है कुछ ही सांसें बची हैं। इलाज करा दो या घर ले चलो। ये शब्द कोविड वार्ड में भर्ती 21 वर्षीय गुड्डी के हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 01:49 PM (IST)
Meerut Coronavirus Update: चंद सांसें बची हैं, इलाज नहीं मिल रहा तो घर ले चलो... मरीज की बातें सुन झलक उठे आंसू
कोविड मरीजों की बेवसी की तस्‍वीरेंं ।

मेरठ, जेएनएन। कोई देखने नहीं आ रहा। कोई दवा भी नहीं मिली। दर्द बढ़ता ही जा रहा है। अब हिम्मत टूट रही है। लगता है कुछ ही सांसें बची हैं। इलाज करा दो या घर ले चलो। ये शब्द मेडिकल अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती 21 वर्षीय गुड्डी के हैं जो किडनी में दिक्कत का इलाज कराने आई थी। हर मिनट फोन पर उसके मुंह से यह बातें सुनकर बाहर बैठी उसकी मां व अन्य स्वजन की आंखें छलक पड़ती।

loksabha election banner

टीबी से क्षतिग्रस्त हुई किडनी के इलाज को हापुड़ से मेरठ तक अस्पतालों में भटक रही गुड्डी जब मेडिकल तक पहुंची तो उसकी कोविड रिपोर्ट भी पाजिटिव आ गई। स्वजन ने सीएमओ से लेकर प्रमुख सचिव तक के नंबर मिला लिए लेकिन कोविड के अलावा कोई इलाज नहीं मिला। 12 घंटे से अधिक समय तक बिना इलाज तड़पने के बाद भी कोई सुनवाई न हुई तो अभिभावक गुड्डी को लेकर घर चले गए।

बिना स्वजन अस्पताल से कर दिया डिस्चार्ज

हापुड़ में रामगढ़ी निवासी गुड्डी की मां राजकली अपने दामाद वीरेंद्र त्रिपाठी और रिश्तेदार मोनू के साथ मेडिकल कालेज पहुंची थी। वीरेंद्र के अनुसार गुड्डी को किडनी के इलाज के लिए हापुड़ के देवनंदिनी अस्पताल ले गए। वहां से जेएस अस्पताल रेफर कर दिया। वहां बुधवार रात स्वजन की गैरमौजूदगी में गुड्डी को डिस्चार्ज कर सरस्वती अस्पताल भेज दिया। वहां भर्ती करने से मना कर दिया। तब मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे।

गुहार लगाई पर सुनवाई न हुई

गुड्डी के बार-बार फोन करने पर वीरेंद्र ने दर्द का इलाज करने की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सीएमओ के नंबर पर शिकायत भी की। प्रमुख सचिव के पीएस से बात की। वहां से फोन आने पर भी कोविड मरीज को कोई और उपचार नहीं दिया जा सका। दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद भी कोई सुनवाई न होने पर अभिभावक गुड्डी को मेडिकल कालेज से निकालकर घर ले गए। वीरेंद्र ने बताया कि कोविड रिपोर्ट में कोई अस्पताल तो भर्ती नहीं करेगा, घर में दर्द की दवा तो दे सकेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.