हाशिमपुरा कांड में सजा पाने वाला सिपाही ड्यूटी से गैरहाजिर, जानिये क्या है मामला
हाशिमपुरा कांड में सजा पाए 16 जवानों में से पांच सिपाही वर्तमान में ड्यूटी कर रहे हैैं। सजा मिलने के बाद से आगरा ट्रैफिक पुलिस में तैनात सिपाही हो चुका गैरहाजिर।
By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 03:18 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 03:18 PM (IST)
मेरठ (सर्वेंद्र पुंडीर)। हाशिमपुरा कांड में हुई 38 लोगों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पा चुके 16 सिपाहियों में से पांच सिपाही वर्तमान में ड्यूटी कर रहे हैं। इनमें से आगरा में तैनात एक सिपाही सजा होने से पहले ही गैरहाजिर हो चुका है। वहीं, चार अन्य सिपाहियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इन सिपाहियों को 22 नवंबर तक तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर करना है। यदि सरेंडर नहीं करते हैं तो अदालत उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी कर सकती है।
सजा पाए सिपाहयोंं में से ग्यारह हाेे चुके रिटायर
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट से सजा पाने वाले 16 सिपाहियों में से 11 सिपाही रिटायर हो चुके हैं। वहीं, पांच सिपाही महेश कुमार, शमीउल्ला, जयपाल, हमबीर, श्रवण कुमार अभी भी अलग अलग स्थानों पर ड्यूटी कर रहे हैं। इनमे से एक सिपाही हमबीर सिंह आगरा में ट्रैफिक विभाग में सिपाही के पद पर नौकरी कर रहा था। वारदात के समय वह पीएसी में सिपाही था, लेकिन 1990 में वह उत्तर प्रदेश पुलिस में ट्रांसफर होकर आ गया था। आगरा के ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश राय ने बताया कि हमबीर उनके साथ काम करता था। वह 15 दिन की छुट्टी लेकर गया था, लेकिन उसकी छुट्टी का समय खत्म हो चुका है। अभी तक भी नहीं आया है। सतीश राय का कहना है कि पिछले 15 दिन से वह गैर हाजिर चल रहा है। वहीं, लखीमपुर खीरी में तैनात श्रवण कुमार भी छुट्टी गया हुआ था, लेकिन वह छुट्टी काटने के बाद वापस अपनी ड्यूटी पर लौट आया है।
बर्खास्तगी का पहुंचेगा ऑर्डर
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण गोपाल जौहरी ने बताया कि जब भी किसी सरकारी कर्मचारी को अदालत से सजा होती है तो सरकारी वकील ही राज्य सरकार को एक रिपोर्ट भेजते हैं। जिसके बाद राज्य सरकार की तरफ से संबंधित विभाग के अधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा जाता है। सिपाहियों की रिपोर्ट भी राज्य सरकार को भेज दी गई है। अब जहां-जहां पर सिपाही तैनात हैं, वहां-वहां के एसएसपी को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। अधिवक्ता की मानें तो नियम के अनुसार, सरकार इन सिपाहियों को बर्खास्त करेगी।
सरेंडर की कर रहे तैयारी
अधिवक्ता कृष्ण गोपाल जौहरी का कहना है कि सभी सिपाहियों को 22 नवंबर तक सरेंडर करना है। अधिकतर सिपाही सरेंडर की तैयारी में लगे हुए है। वह 20 या फिर 21 नवंबर को सरेंडर कर देंगे। जो सिपाही उनके संपर्क में है उन्होंने जेल जाने से पहले अपने परिवार का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। ताकि जेल जाने के बाद उनके परिवार को परेशानी न हो।
हमबीर का रिटायरमेंट का समय नजदीक
गैरहाजिर होने वाले सिपाही हमबीर का रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आ रहा है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश राय की मानें तो वह पांच से छह माह के बाद ही रिटायर हो जाएगा। हमबीर की पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं बताई जा रही है
सजा पाए सिपाहयोंं में से ग्यारह हाेे चुके रिटायर
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट से सजा पाने वाले 16 सिपाहियों में से 11 सिपाही रिटायर हो चुके हैं। वहीं, पांच सिपाही महेश कुमार, शमीउल्ला, जयपाल, हमबीर, श्रवण कुमार अभी भी अलग अलग स्थानों पर ड्यूटी कर रहे हैं। इनमे से एक सिपाही हमबीर सिंह आगरा में ट्रैफिक विभाग में सिपाही के पद पर नौकरी कर रहा था। वारदात के समय वह पीएसी में सिपाही था, लेकिन 1990 में वह उत्तर प्रदेश पुलिस में ट्रांसफर होकर आ गया था। आगरा के ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश राय ने बताया कि हमबीर उनके साथ काम करता था। वह 15 दिन की छुट्टी लेकर गया था, लेकिन उसकी छुट्टी का समय खत्म हो चुका है। अभी तक भी नहीं आया है। सतीश राय का कहना है कि पिछले 15 दिन से वह गैर हाजिर चल रहा है। वहीं, लखीमपुर खीरी में तैनात श्रवण कुमार भी छुट्टी गया हुआ था, लेकिन वह छुट्टी काटने के बाद वापस अपनी ड्यूटी पर लौट आया है।
बर्खास्तगी का पहुंचेगा ऑर्डर
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कृष्ण गोपाल जौहरी ने बताया कि जब भी किसी सरकारी कर्मचारी को अदालत से सजा होती है तो सरकारी वकील ही राज्य सरकार को एक रिपोर्ट भेजते हैं। जिसके बाद राज्य सरकार की तरफ से संबंधित विभाग के अधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा जाता है। सिपाहियों की रिपोर्ट भी राज्य सरकार को भेज दी गई है। अब जहां-जहां पर सिपाही तैनात हैं, वहां-वहां के एसएसपी को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। अधिवक्ता की मानें तो नियम के अनुसार, सरकार इन सिपाहियों को बर्खास्त करेगी।
सरेंडर की कर रहे तैयारी
अधिवक्ता कृष्ण गोपाल जौहरी का कहना है कि सभी सिपाहियों को 22 नवंबर तक सरेंडर करना है। अधिकतर सिपाही सरेंडर की तैयारी में लगे हुए है। वह 20 या फिर 21 नवंबर को सरेंडर कर देंगे। जो सिपाही उनके संपर्क में है उन्होंने जेल जाने से पहले अपने परिवार का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। ताकि जेल जाने के बाद उनके परिवार को परेशानी न हो।
हमबीर का रिटायरमेंट का समय नजदीक
गैरहाजिर होने वाले सिपाही हमबीर का रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आ रहा है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश राय की मानें तो वह पांच से छह माह के बाद ही रिटायर हो जाएगा। हमबीर की पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं बताई जा रही है
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