मलिन बस्तियों की महिलाओं का बदल रहा जीवन, मिट्टी के दीयों से सीख रहे आत्मनिर्भरता का गुण
कोरोना काल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में सामाजिक संस्था पीयर फाउंडेशन के पदाधिकारी अपने अलंकार अभियान के तहत मलिन बस्तियों में रहने वाली महिलाओं में हुनर के बीज रोपकर आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में सामाजिक संस्था पीयर फाउंडेशन के पदाधिकारी अपने अलंकार अभियान के तहत मलिन बस्तियों में रहने वाली महिलाओं में हुनर के बीज रोपकर आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रहे हैं।
इसके लिए संस्था के पदाधिकारी उन्हें मिट्टी के दीये, मटके प्लेट, गमले, रंग आदि उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ ही उन्हें आकर्षक बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसकी सहायता से महिलाएं मिट्टी के बर्तनों को आकर्षक रूप दे रही हैं। संस्था की कार्यकारिणी के शांतनु शर्मा, काजल गुप्ता ने बताया कि लालकुर्ती स्थित हंडिया मोहल्ले की मलिन बस्तियों में महिलाओं को एकत्र कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा।
संस्था के सहयोग से उत्साहित महिलाएं रुचि लेकर इस काम को रहीं हैं। शांतनु ने बताया कि महिलाओं ने दशहरा पर्व पर काफी मात्रा में कुल्हड़ तैयार कर बेचा और लाभ कमाया। अब दिवाली व करवाचौथ को लेकर महिलाएं मटके, दीये व साजो सामान को तैयार कर रहीं है। इस काम में संस्था के दीपांशु, धीरज, समीरा आदि भी सहयोग कर रहे हैं।
दिवाली पर लगाएंगे स्टाल
शांतनु ने बताया दिवाली के उपलक्ष्य पर महिलाओं द्वारा तैयार दीयों को बेचने के लिए सदर बाजार में स्टाल लगाया जाएगा। साथ ही आनलाइन भी उत्पाद बिकना शुरू हो गए हैैं और लोगों की डिमांड पर मनपसंदीदा सजावट सामान भी महिलाएं तैयार कर रही हैं।