कोरोना में छोटे उद्योग ने संभाली अर्थव्यवस्था : केंद्रीय मंत्री
मेरठ, जेएनएन। केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा रविवार को मेरठ पहुंचे। उन्होंने स्पोर्ट्स एवं गुड्स कांप्लेक्स के प्रशिक्षण केंद्र, लैब और टेक्नोलाजी डेवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) का निरीक्षण किया। इसके बाद खादी एवं ग्रामोद्योग की बंद पड़ी इकाई, मंडलीय कार्यालय और लोहियानगर में कैंची क्लस्टर की दुर्दशा देखी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान एमएसएमई के छोटे उद्योगों की वजह से अर्थव्यवस्था संभली हुई थी। उन्होंने ही रोजगार संभाल के रखा। बहुत से श्रमिकों और स्टाफ को काम बंद होने के बावजूद वेतन दिए। तमाम कठिनाइयों को सहन करके भी उत्पादन जारी रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसी किसी इकाई को उनकी समस्याओं की वजह से बंद नहीं होने देंगे। उनकी स्थिति देखकर उनकी मदद का प्रस्ताव बनेगा। जो योजनाएं संचालित हैं उसका लाभ किस तरह से मिल रहा है, कहां बाधा है, यह सब देखा जा रहा है। बताया कि केंद्र सरकार एमएसएमई के लिए खास पैकेज देती है। मोदी सरकार का विशेष ध्यान एमएसएमई की स्थिति को लेकर है। इसलिए योजनाओं, प्रशिक्षण केंद्रों, केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्राप्त इकाइयों की हकीकत देखने आए हैं। निरीक्षण का पूरा लेखा-जोखा प्रधानमंत्री कार्यालय को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का पैकेज पहले दिया जा चुका है। पांच लाख करोड़ का प्रविधान फिर किया गया है।
मुस्लिम समाज की आदत, जहां मंदिर वहीं बना देंगे अपने स्थल
ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले का हल भी श्रीराम जन्मभूमि की तरह हो जाएगा। अखिलेश यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां मंदिर होते हैं वहीं पर मुस्लिम समाज के लोग अपनी मस्जिद या मजार बनाने पहुंच जाते हैं। और कहीं क्यों नहीं बनाते।
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को कहा पप्पू
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विदेश में भारत की आलोचना पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को तो लोग पप्पू कहते हैं। पप्पू कुछ भी बोल सकते हैं। उनकी बातों को कौन गंभीरता से ले रहा है। कहां पर क्या बात कहनी चाहिए उनमें समझ ही नहीं है।
खादी ग्राम उद्योग की जमीन बेचना है अपराध, उच्च स्तर पर पहुंचाएंगे बात
मेरठ में खादी ग्रामोद्योग की जमीन बेचने का मामला केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठा। इस पर उन्होंने कहा कि बोर्ड सदस्यों को उस जमीन को बेचने का अधिकार ही नहीं है। इस पूरे मामले को वह अपने स्तर से उच्च स्तर पर रखेंगे। यहां पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी मौजूद थे। सांसद ने कहा कि बड़े षड्यंत्र के तहत करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम में बेची जा रही थी। अब केंद्रीय मंत्री भी इससे अवगत हो चुके हैं इसलिए इस पूरे प्रकरण पर अब कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है।
फैशन से जुड़ेगी खादी, बंद पड़ी इकाइयां होंगी शुरू
मेरठ : खादी के कपड़े अब युवाओं की पसंद बनते जा रहे हैं, इसलिए इसे अब फैशन से भी जोड़ा जाएगा। फैशन के अनुसार खादी के कपड़ों को डिजाइन किया जा सके इसलिए दिल्ली में एक्सीलेंस सेंटर बनने जा रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ करार हुआ है।
केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा को मंडलीय खादी ग्रामोद्योग कार्यालय में जानकारी दी गई कि इस साल खादी के कपड़ों की बिक्री में 27 प्रतिशत उछाल आया है। इसमें युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है। हालांकि अलग से युवाओं का आंकड़ा उपलब्ध नहीं था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खादी की बंद पड़ी इकाइयों को फिर से शुरू किया जाएगा। जहां भी वेतन वितरण खराब स्थिति में है उसमें सुधार आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खादी को ब्रांड बना रहे हैं, इसलिए इसके उत्पादन, गुणवत्ता, बिक्री, उपलब्धता, रोजगार, इकाई स्थापना में आ रही समस्या, वित्तीय सहायता सभी पर ध्यान देने के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया गया कि मेरठ कार्यालय से 25 जिले संचालित होते हैं। इन 25 जिलों में खादी की 355 इकाइयां हैं।
नीतिगत मदद भी होगी, क्लस्टर का प्रस्ताव भी भेजें
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने उद्यमियों से कहा कि केंद्र सरकार की ढेरों योजनाएं हैं, उनका लाभ लें। जहां कहीं दिक्कत हो उच्च स्तर पर बात रखें। कोई नया क्लस्टर किसी के दिमाग में विचार ले रहा है तो उसे प्रस्ताव का रूप देकर संबंधित विभाग से मंत्रालय को भिजवाएं। क्लस्टर के लिए उद्यमी को सिर्फ 10 प्रतिशत धन खर्च करना होता है, बाकी वित्तीय सहायता सरकार करेगी। एक उद्यमी ने प्रस्ताव रखा कि पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन छोटी-सी जगह में खोले जा सकते हैं। इसके लिए पेट्रोलियम कंपनियों की अनुमति होनी चाहिए। जिसमें नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव को भी मंत्रालय को भेजने को कहा। मंत्री ने कहा कि हर तरह से मदद की जाएगी। यदि जनहित में नीतियों में बदलाव करना पड़ेगा, तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
मार्च 2023 तक बढ़ाई गई वित्तीय सहायता की समय सीमा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थिति सुधारने के लिए लगातार वित्तीय सहायता दी जाती रही है। कुछ ऐसे उद्यम हैं जो अभी भी इससे वंचित रह गए हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने वित्तीय सहायता के लिए समय सीमा 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दी है।
निदेशक की आइआइए अध्यक्ष और सांसद ने की शिकायत
एमएसएमई प्रशिक्षण केंद्र-पीपीडीसी में उद्यमियों के साथ केंद्रीय मंत्री की बैठक भी निर्धारित थी। इसमें आइआइए मेरठ चैप्टर के अध्यक्ष सुमनेश अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री से एमएसएमई केंद्र के निदेशक की शिकायत की। कहा कि उन्हें साढ़े बारह बजे सूचना दी गई, जबकि मंत्री का कार्यक्रम ही साढ़े बारह बजे से था। उन्होंने यह भी शिकायत रखी कि नाम इसका स्पोर्ट्स गुड्स कांप्लेक्स है, लेकिन यहां स्पोर्ट्स से संबंधित उत्पादों की जांच व प्रशिक्षण संबंधित कार्य नाममात्र हैं। उधर, जब केंद्रीय मंत्री यहां से रवाना होने वाले थे तभी सांसद राजेंद्र अग्रवाल पहुंच गए। सांसद ने कहा कि मेरठ एमएसएमई का गढ़ है। एमएसएमई के केंद्रीय मंत्री आए हैं, लेकिन उन्हें एमएसएमई केंद्र के निदेशक की ओर से सूचना ही नहीं दी गई। उन्होंने इसे गंभीर चूक बताते हुए मंत्री से यहां की कार्यशैली में सुधार की मांग रखी।