धीरे धीरे ही सही पर मिल रही है गरीबी से निजात
विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस पर गुरुवार को दैनिक जागरण ने गरीबी मिटाने के लिए चल रहे सरकारी प्रयासों पर नजर डाली।
मेरठ,जेएनएन। विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस पर गुरुवार को दैनिक जागरण ने गरीबी मिटाने के लिए चल रहे सरकारी प्रयासों पर नजर डाली। गरीबी मिटाने के लिए क्षेत्रीय सेवायोजन विभाग हर बुधवार को रोजगार मेला लगाता है। जिसमें गरीबों को रोजगार मिल रहे हैं। खाद्य विभाग गरीबों की थाली में अनाज उपलब्ध कराकर उनकी भूख मिटाने में जुटा है। प्रयासों का असर भी दिखाई दे रहा है और गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले परिवारों की संख्या भी कम होती दिखाई दे रही है।
वर्ष 2012 में थे 39,887 गरीब परिवार, अब कम
वर्ष 2012 में सर्वे में गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले 39,887 परिवार मिले। ग्रामीण क्षेत्र में 19,487 तथा नगर में 20,400 परिवार थे। 2012 के बाद सात साल में फिर से यह सर्वे नहीं हुआ लेकिन अफसरों का दावा है कि यह संख्या तेजी से कम हो रही है।
हर बुधवार को लगता है मेला, मिलते हैं रोजगार
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय गरीबी मिटाने की दिशा में अच्छा खाम कर रहा है। सहायक निदेशक क्षेत्रीय सेवायोजन टी एन तिवारी ने बताया कि मेरठ जनपद में 15 रोजगार मेलों का लक्ष्य था। लेकिन 16 अक्टूबर तक 16 मेले हुए। जिनमें 51 कंपनियों ने 2777 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया, 80 महिलाओं समेत 1179 का चयन हुआ। दावा है कि वर्ष में कुल 37 मेले आयोजित होंगे। जनपद में सेवायोजन पोर्टल पर 38,108 बेरोजगार पंजीकृत हैं। मेरठ मंडल में बेरोजगारों की संख्या 95,628 से ज्यादा है। भरी जा रही गरीबों की थाली
सरकार के प्रयासों का ही असर है कि अब धीरे धीरे गरीबों के परिवार हाल बदल रहा है। ज्यादातर गरीब अब भरपेट खाना पा रहे हैं। नया अधिनियम आने के बाद राशन कार्ड धारकों को दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल दिया जाता है। जिले में 4.08 लाख राशन कार्ड धारक हैं। नया नियम यह भी है कि यदि राशन नहीं मिल पाता है तो वह व्यक्ति खाद्य विभाग से अन्न खरीदने या खरीदे गए अन्न का भुगतान करने के लिए धनराशि की माग कर सकता है। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी किशोर कुमार का कहना है कि सभी राशनकार्ड धारकों को समय पर राशन दिला दिया जाता है, इसलिए इसकी जरूरत नहीं पड़ती।