छह वांछित पकड़ से दूर, नए नाम आए सामने
लगभग 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में वांटेड छह अभियुक्त ईओडब्ल्यू की पकड़ से दूर बने हैं जबकि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक संजय भाटी के भाई सचिन पवन और निदेशक करणपाल की गिरफ्तारी के बाद कई और नाम भी बढ़ गए हैं।
मेरठ, जेएनएन। लगभग 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में वांटेड छह अभियुक्त ईओडब्ल्यू की पकड़ से दूर बने हैं, जबकि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक संजय भाटी के भाई सचिन, पवन और निदेशक करणपाल की गिरफ्तारी के बाद कई और नाम भी बढ़ गए हैं। ईओडब्ल्यू और एसटीएफ सभी आरोपितों को पकड़ने में लगी है। माना जा रहा है कि कई और आरोपित भी दिल्ली में किराये के मकान लेकर परिवार के साथ रह रहे हैं। साथ ही ईओडब्ल्यू की टीम पकड़े गए पवन और सचिन की संपत्ति की तलाश कर रही है। किरणपाल की संपत्ति के बारे में ईओडब्ल्यू को पता चल गया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एसटीएफ को बाइक बोट घोटाले में बड़ी कामयाबी मिली। निदेशक संजय भाटी की गिरफ्तारी के बाद उसके दो भाई सचिन भाटी और पवन भाटी तथा कंपनी के निदेशक करणपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ईओडब्ल्यू और एसटीएफ की संयुक्त टीम की पूछताछ में तीनों ने कई लोगों के नाम उजागर किए। उससे पहले भी घोटाले में नामजद छह आरोपित ईओडब्ल्यू की पकड़ से दूर बने हैं। उन सभी की गिरफ्तारी को लेकर ईओडब्ल्यू ने एसटीएफ का सहारा लिया है। दोनों की संयुक्त टीम बनाकर वांटेड चल रहे छह आरोपितों को गिरफ्तार करने की कवायद की जा रही है। माना जा रहा है कि आरोपित दिल्ली में किराये का मकान लेकर छिपे हुए है, जो पवन और सचिन भाटी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मकान बदल दिया है। ईओडब्ल्यू और एसटीएफ की टीम मोबाइल नंबरों को आधार बनाकर आरोपितों की तलाश कर रही है। ईओडब्ल्यू के एएसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि अभी छह वांटेड की पकड़ के लिए टीमें लगा दी गईं हैं। सचिन, पवन और करणपाल से पूछताछ के कई अन्य नाम भी उजागर हुए है। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। सामने आया कि कई लोग मेरठ के भी उनके साथ जुड़े हैं, जिनके नाम एफआइआर में नहीं है। उनके नाम भी बयानों को आधार बनाकर मुकदमे में खोल दिए जाएंगे। साथ ही पवन और सचिन की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जबकि करणपाल की 12 बीघा जमीन के बारे में ईओडब्ल्यू को जानकारी मिली है, जो बुलंदशहर में खरीदी गई थी। उसके अलावा भी करणपाल की अन्य जगह पर भी संपत्ति है, उसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है।
मेरठ में किसे दी गई थी मर्सडीज
संजय भाटी ने मेरठ में एक मर्सडीज दी थी, मर्सडीज में सवार होकर मेरठ में रहने वाले एक व्यक्ति ने भी बाइक बोट की रकम अन्य कार्यो में लगाने में अहम भूमिका निभाई है। एएसपी राम सुरेश यादव का कहना है कि ऐसे लोगों की सी श्रेणी में रखा गया है। इस समय बी श्रेणी के लोगों की धरपकड़ की जा रही है। उसके बाद सी श्रेणी के आरोपितों को पकड़ा जाएगा। उस समय छिपाई गई मर्सडीज को भी बरामद किया जाएगा।